नाराज़गी भी क्यूं रखु़्, किसी से भी भला,
रूठने मनाने वाला कोई खास रिश्ता भी होना चाहिए।
-
हर बात को बहुत प्यार से ,
समझाते हैं मेरे पापा,
हो जाए,अगर गलती से भी चुक ,
बड़े आसानी से ,
उसे सम्भालते हैं,
मेरे पापा,
हा ,मैं मानू ख़ुद को बहुत ही खुशनसीब,
क्योंकि इतने प्यारे जो ,हैं मेरे पापा,
मेरी साहस मेरी इज्जत,
मेरे सम्मान हैं, मेरे पापा
मेरी ताक़त मेरी पूंजी ,
मेरे पहचान हैं मेरे पापा
मेरी छोटी _छोटी खुशियों का ,
ध्यान रखते हैं मेरे पापा,
मेरे खुशी में खुश ,और दुःख में दुःखी,
हो जाते हैं मेरे पापा!!!
-
सच्चाई की राह कठिन जरूर होती है,
मगर, सच्चाई की राह से बड़ा कोई,
आपका हमदर्द, भी नहीं हो सकता है,
क्षण भंगु होता है ,इसका कष्ट,
किन्तु लाखों खुशियां मिलती है ,
इस राह पर चलकर!
यह सत्य है की, हमारा कोई भरोसा ना है
हम कब रहें या ना रहें,
लेकिन हमारे कर्म से ही,
हमारी पहचान होती है,
और कर्म को मजबूत बनाने का,
एक ही उपाय है
सच्चाई के मार्ग को अपनाना!!
-