सुनो @
तेरा ख्याल भी अखबारो की तरह है ,
एक दिन की भी छुट्टी नहीं करते.. !!?🖤— % &-
सुनों @
मैंने कोशिश तो की निभाने की...
पर तुम्हारी ज़िद ही थी दूर जाने की..!!!-
सुनों
मुखोटों को पहनकर जो तुम रहती हो न हरदम
इसलिये तो तुम बगैर मुखोटों वालों को पहचान नही पाती हो मेरी हमदम ।।-
दुनिया से छुपाकर तुम्हें राज़ लिखता हूँ
ख़ामोश हूँ भले मगर आवाज़ लिखता हूँ
भले अंदाज मेरा शायरों वाला ना सही
मगर तुम्हें हर रोज़ और ख़ास लिखता हूँ
मैं तुम्हारी फिक्र या फ़रियाद लिखता हूँ
हर वक़्त सताती वो याद लिखता हूँ
तुम्हारे साथ गुज़री वो रात लिखता हूँ
तुम्हारी कहीं हर वो बात लिखता हूँ
तुम्हारी ना मौजूदगी का एहसास लिखता हूँ
तुम हो भले दूर मगर मैं पास लिखता हूँ
जिसमें दिन गुज़र रहे वो बे-क़रार लिखता हूँ
जिसमें रातें कट रहीं वो इंतिज़ार लिखता हूँ
तुम्हारा जो मुझपर है वो एतिबार लिखता हूँ
कभी तन्हाई तो कभी मैं बहार लिखता हूँ-
उम्मीद है कि तुम्हारी गलतफहमी मिट जाए
इसी आशा के साथ
जन्मदिन की शुभ कामनाएं ,प्रिय
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सुनो
मैंने परखा है अपनी बदकिस्मती को.......!!
मैं जिसे अपना कह दूं फिर वो मेरा नहीं रहता.....!!-
जाते जाते वो मुझे अच्छी निशानी दे गया,,
उम्र भर दोहराऊँगा ऐसी कहानी दे गया_-
मुझे तो नफरत से भी प्रेम है ...
क्योंकि नफरत कब प्रेम में
बदल जाये मालूम नही है-