लिखती हुँ उसे,जो ख्वाबो मे आता है,
सुनती हूँ उसे,जो कानो मे गुनगुनाता है
जाती हूँ, सीरहाने उसके,
वो मुझे ,सीने से लगाता है,
ख्वाबो की दुनीयाँ सिर्फ मेरे साथ सजाता है,
न किसी के ख्वाबो मे आता है,न मेरे ख्वाबो से जाता है
बस हर वक्त याद हमे वो आता है,
ना हँसने की वजह बताता है, न रोने का गम छुपाता है
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