चिरागों को आंखों में महफूज रखना; बड़ी दूर तक रात ही रात होगी; मुसाफिर हो तुम भी मुसाफिर हैं हम भी; किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
-
14 NOV 2019 AT 10:42
चिरागों को आंखों में महफूज रखना; बड़ी दूर तक रात ही रात होगी; मुसाफिर हो तुम भी मुसाफिर हैं हम भी; किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
-