"प्रतीक्षा" प्रेम में किया जाने वाला सबसे कठिन कार्य है,
फिर भी करते हैं हम प्रेम में उस कार्य को
अपनी आखिरी उम्मीद के आखिरी साँस तक
पूरे विश्वास के साथ ।।
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जज्बातों की स्याही लेकर कुछ हकीकत,... read more
तुम ना भी चाहो
तब भी तेरे हर हर्फ़ में याद आयेंगे हम ,,
कुछ इस कदर
तेरी जिंदगी का अमिट हिस्सा बन जायेंगे हम।।-
यूँ ही कोई
किसी की जिंदगी में खास नहीं बन जाता है ,,
निभाना पड़ता है हरेक मोड़ पर
रिश्तों में हर तरह की हर प्रकार से वफादारियॉं ।।
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संघर्ष चाहता नहीं करना मन हर उम्र में,,
चाहता है वह भी पड़ाव एक उम्र के बाद।।— % &-
💕दिल💕
ये दिल इतना बेदर्द क्यों है ?
जो हर गम को खुद में छिपाता है ,
हर दर्द को सीने में दफनाता है ,
इतना क्यों खुद को तड़पाता है ?
चाह कर भी कुछ ना किसी को बताता है ,
आखिर ये दिल इतना बेदर्द क्यों है ?
लोगों का दामन जब इसे अकेला छोड़ जाता है,
तन्हाई भी तब इसे अंदर तक तोड़ जाता है ।
उस पर आंसू इतना बहाता है,
दर्द को छिपाए छिपा नहीं पाता है ,
ये हद से ज्यादा जब घबराता है ,
मन भी कुछ समझ नहीं पाता है।
जाने क्या पता इसकी क्या मजबूरी है?
किस बात के लिए खुद की मंजूरी है ?
जो हर राज को सभी नजरों से बचाता है,
जो हर दर्द को सीने में दबाता है।
आखिर दिल इतना बेदर्द क्यों है ?-
आजकल
हवा का रुख बदलते ही
लोग यहाँ अपने इरादें बदल लेते हैं ; साहब!
ताउम्र साथ का वादा करके
फिर पग-पग पर साथ भला कहाँ तक निभायेंगे??-
अब भी मैं उसी वक्त में ठहरा हूँ ,,
जिस वक्त तुम्हारी निगाहें मेरी निगाहों से मिली थी।।-
क्यों बैठे हो यूँ इस तरह
फिर से वही पुरानी बीती कड़वी बातों को लेकर ,,
आखिर क्या मिल जायेगा तुम्हें
उन गुजरे हुए बातों को अपना कीमती वक्त देकर ।।
Past जब तक रहेगा तुम्हारे दिमाग में ,,
Future नहीं आयेगा तुम्हारे हाथ में ।।
छोड़ो भी उन पुरानी बातों को
चलो एक नये सफर का आगाज करो,,
जिंदगी के कोरे पन्नों पर
अपने नवीन अनुभव की दास्ताँ लिखने
खुद को फिर से तैयार करो ।।
जीवन निरंतर चलते रहने का ही दूसरा नाम है ,,
सुख - दुख तो इसके दो बड़े ही खुबसूरत आयाम है।।
उसके अविस्मरणीय अहसासों का तुम बस रसपान करो ,,
सदैव कुछ नया सीखने की ओर अपना ध्यान करो ।।
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