23 JUN 2017 AT 10:46

तुम कब मेरी हक़ीक़त में उतरोगे,
तुम्हें आज तक कल्पनाओं में ही सोचा है,
सोचा है हर घड़ी इंतज़ार किया है,
सोच सोच कर ये दिल बेक़रार किया है,
लोग कहते हैं
जो कल्पनाओं में होता है वो कभी होता नहीं,
मगर दिल कहता है
मेरे एहसास मेरे जज़्बात कभी मरते नहीं,
चल आ भी जा अब इन लोगों को झुठला दे,
मेरी कल्पनाओं को हक़ीक़त बना दे...

- © योगेश शर्मा