इंतज़ार ऐ महोब्बत में जब पड़ जाते है
लोगो की नज़रो में हम ख्वामख्वा चढ़ जाते है
यूं खयालो में खोये रहते है किसी फल की इच्छा में
भूल जाते है के बहार कर दिए जाते है जो फल सढ़ जाते है
एक आईना बताता था शश्सियत हमारी
आज होंठ और आंसू एक दूसरे से लड़ जाते है
जब वो उंगलिया फेर देता है बालो में हमारे
उसी दिन हमारे बाल कड़ जाते है
और
तेरे ही है तेरे होके रहे यु दूर दूर कब तलक़
ये सोचते है तो ख्यालो में पड़ जाते है
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