yaseen mohammed  
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Joined 21 August 2023


Joined 21 August 2023
YESTERDAY AT 21:13

ज़िंदगी एक पहेली ऐसी, जो सुलझाए कभी न सुलझे,
और सुलझाने की कोशिश करो, ये और भी जा उलझे,

ये एक ऐसी पहेली है, जो सबकी सबको खुद ही मिले,
कोई थक जाता इसे सुलझाते, किसी से आसानी से सुलझे,

कोई हाथों की लकीर कहे, कोई किस्मत का नाम दे इसे,
कोई हमेशा इसे कोसे, कोई अपनी मेहनत से सुलझा दे इसे,

किसी को पैसा ही दिखे इसमें, कोई इसमें मोहब्बत ही ढूंढे,
किसी को खुद के अकेलेपन में रह कर इसका जवाब मिले।।

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YESTERDAY AT 17:58

ज़माने में कई दिखे, पर तुझ सा नहीं देखा,
इतने प्यार में डूबा दिल, ऐसा प्यार नहीं देखा,

मत कहना किसी से की मैं तेरी इतनी तारीफ करता हूंँ,
इतनी मासूमियत, ऐसा जज़्बा, इतना ऐतबार नहीं देखा,

दिखे कई चाहने वाले, दिखे कई तराने,
कुछ साथ तो रह गए, बाकी हुए बेगाने,

इतनी चाहत, इतनी बेकरारी, इतना लगाव नहीं देखा,
अश्कों का समंदर, ऐसा प्यार का दरिया नहीं देखा।।

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28 APR AT 22:17

आंँखों ही आंँखों में तूने इतना कुछ कह दिया,
प्यार का संदेशा था, तूने मेरा दिल ही ले लिया,

अल्फाज़ एक न थे, इशारा भी तो नहीं किया,
इतना प्यारा प्यार तेरा, मेरे दिल को छू दिया,

इससे पहले कुछ समझ पाता, मेरा दिल खो गया,
तेरी आंँखों से निकला तीर, मेरे दिल में चुभ गया,

नींदों में तू और सपनों में तू, ये कैसा सिलसिला,
अब दिन भी तू रात तू, न सूझे कुछ तेरे अलावा।।

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27 APR AT 22:47

आंँखों में चुभ रहा है ग़म, अब और छुपाया नहीं जाता,
तुझसे दूर और आंँखें हुई नम, तुझे ये दिखाई नहीं देता,

ये बोलने की बात है क्या, लगता था मुझे तू जानता है,
जबां से कह ना सकूंँ, लगता था मुझे तू पहचानता है,

मैं बोलूंँ किस अंदाज़ में, ये अब मुझे समझ न आए,
उदास हूंँ बिन तेरे मैं, ज़िंदगी में एक रंग मुझे न भाए,

मेरे प्यार में शायद कमी थी जो तुझे बता न सकी,
आंँखों में सपने बुनती गई, जो तुझे दिखा न सकी,

फरियाद है ये रब से, तू सलामत रहे जहांँ भी है अब,
तू ग़मों से महफूज़ रहे, खुश रहे, करूंँ यही दुआ रब,

ऐसा ग़म किसी को न मिले, किसी की आंँखें न हो उदास,
प्यार आंँखों और दिल में पले, रहे दिलों में सदा मिठास।।

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27 APR AT 21:53

सारी यादों में कुछ यादें हमेशा रहेंगी दिल के पास,
इनमें से स्कूल की यादें, हमेशा रहेंगी बेहद ख़ास,

वो मास्टर जी का ज़ोर से चिल्लाना, कुछ भी कर लो, कुछ समझ न आना,
गणित के पहाड़े, कबीर के दोहे, बहुत समय लगा था ये खुद को समझाना,

सीखा यहीं पर दोस्ती का मतलब, पहले प्यार का सबक यहीं पर दिखा,
वो टीचर का सिखाया हुआ पाठ, उसी से हमनें बहुत कुछ है सीखा,

बिना सोचे टिफिन डब्बे बांट कर खाना, दोस्तों की बोतल से पानी पीना,
परीक्षा के समय खूब मेहनत में जुट कर, दिल लगा कर साथ में पढ़ना,

यहीं कुछ यादें है जो आज भी हमारे दिलों में बसती है,
बचपन के पल ऐसे थे, बड़ी ही धूम क्या खूब मस्ती थी।।

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26 APR AT 23:21

मेरे दिल में इश्क़ भरा है, पर मुझे दिखाना नहीं आया,
इक बार कोई पूछो तो सही, इसमें अलग रंग है छाया,

दिल में कई बातें है छुपी, और कई राज़ इसमें है दबे,
अगर झाकोगे दिल में मेरे, तुम्हें बहुत सारे रंग दिखेंगे,

डूबने का डर है इस इश्क़ में, पर तुम मत घबराना,
ये मेरा ही तो दिल है, एक बार डूब खुद आज़माना।।

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25 APR AT 21:16

मेरी पुरानी कविता, मिली आज फिर से मुझे,
वो यादें, वो बातें, वो जज़्बात फिर दिखे मुझे,

क्या लिखा था मैंने, क्या भाव थे उस कविता मे,
बड़ी मासूमियत, एक प्यारा सा दिल दिखा उसमे,

क्या इसे मैंने ही लिखा, ये सवाल आया मन में,
इतना स्पष्ट, इतना मार्मिक, क्या नहीं था उसमें,

कोशिश कर रहा हूंँ अब, फिर वो भाव मैं ला सकूंँ,
दिल को छू देने वाली पंक्तियांँ, मैं आज फिर से लिखूंँ,

पढ़ रहा हूंँ उसे बार बार, खुद की तारीफ कैसे करूंँ,
ज़माना बदल गया, पर वही बात अब फिर से लिखूंँ।।

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24 APR AT 22:52

रात सुहानी कहे कहानी, इसमें न तो राजा है न है रानी,
फुरसत हो तभी आना, अंँधेरे की ये कहानी है मस्तानी,

बड़ा सुकून है इसमें, एक बार सुनोगे तो पता चलेगा,
इसमें बस एक ही रंग है, पर इसमें हर एक रंग दिखेगा,

बहुत छोटी सी ये कहानी, कुछ पलों में खत्म हो जाए,
आंँख बंद कर दिल से सुनो, ये तुम्हारे दिल में बस जाए,

प्यारी है इसकी बोली, ये हाथों से सर को सहलाती,
दिन को सारी थकान दूर करे, हर दिल को ये छू जाती,

कहानी के दो शब्द ही सुनो, मगर सुनना तुम दिल से,
ज़ोर लगाने का कष्ट नहीं, चलना रात के साथ मिल के।।

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22 APR AT 22:59

पृथ्वी हम सब से कह रही, मुझे आज सांस लेने दो,
तुम तो यूंँ ही चले जाओगे, मुझे ढंग से यहांँ रहने दो,

एक चिंगारी जो सिखाई मैंने, आज प्रदूषण बन गई,
बेहिसाब कमियाबी तुम्हें मिली, प्रदूषित मैं हो गई,

मेरे हर अंग को टटोला तुमने, मैंने तुम्हें कुछ न कहा,
हवा, जल, वायु और धरती का शोषण मैंने जा सहा,

अब भी समय है, अपने भविष्य को खुद सुधार लो,
अपने किए हुए प्रदूषण पर ज़रा सा तुम विचार लो,

मैं यहीं हूंँ इंतज़ार में कब तुम मुझे प्यार से सराहोगे,
मेरे भले के लिए अपने भविष्य को तुम सुधरोगे।।

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21 APR AT 23:11

सादगी भरा जीवन चलो आज जीते है,
सरल ज़िंदगी के कुछ घूंट, आज पीते है,

पता नहीं था क्या चाहिए जीने के लिए,
हम बहुत भागे सब कुछ पाने के लिए,

हमें भूख लगी थी सिर्फ एक दाने की,
पर दिल में चाह थी पूरी दुनियांँ पाने की,

इतनी बेचैनी, दिल में इतना बड़ा बवाल क्यूंँ,
और पाने की ज़िद्द, दिल में इतने सवाल क्यूंँ,

अब बस हुआ, चलो कुछ अच्छा करते है,
प्यार भरा जीवन, चलो आज से जीते है।।

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