झूठा इश्क़ तेरा, झूठी हर बात है
ख़्वाब फरेबी तेरे, झूठी सौगात है
क्या नहीं कहा तूने, मैंने सब सुना
झूठा दिल तेरा, झूठे ये जज़्बात है
मैंने भरोसा किया सिर्फ़ तुझी पर
धोखा मिला, मेरी क्या औकात है
किनारा दिखा तुझमें, सहारा मिला
झूठे वादे सारे, झूठी तेरी जात है
झूठा इश्क़ तेरा, झूठी हर बात है
आँसू बहते हैं, उन्हीं की बारात है-
harsh summer
It dries all the happiness in you
It feels like the worst winter
It makes you shiver all alone
It feels like the darkest sinkhole
It always sucks you inside it
It feels like the worst cyclone
It jolts you crazily and never ends-
मैं भोली सी प्यारी हूँ, सब कहते हैं मैं अच्छी हूंँ
जब भी कहना चाहती मैं, कहते हैं मैं बच्ची हूंँ
है थोड़ी समझ मुझमें, मैं भी सोचा करती हूंँ
दिल खोल कर जब कहा, कहते हैं मैं बच्ची हूंँ
जब दिल की बात कहीं मैंने, ध्यान से सुनते हैं
फिर मुड़ कर वो चले गए, कहते हैं मैं बच्ची हूंँ
बड़ी सब बातें करते हैं, मुझे कहने से डरते हैं
ये बातें समझ न पाऊंँ जब, कहते हैं बच्ची हूँ
कुछ सपने आंँखों में है, मैं भी उड़ना चाहती हूंँ
कहा जब-जब यह मैंने, कहते हैं मैं बच्ची हूंँ
हंँसती हूँ हंँसाती हूँ, सबके संग मिल जाती हूँ
आंँसू अगर बह जाए कुछ, कहते हैं मैं बच्ची हूंँ
क्या करूंँ मैं क्या कहूंँ, कुछ समझ न आता है
पूछा जब यह सवाल मैंने, कहते हैं मैं बच्ची हूंँ
हाँ मैं एक छोटी बच्ची हूंँ, सबसे प्यारी अच्छी हूंँ
खुश हूंँ जैसी भी हूंँ, तुम कहते रहना मैं बच्ची हूँ-
देखो कई सावन बीत गए
तुमने हमें याद नहीं किया
रह गए हम इसी कैद में
तुमने हमें आज़ाद न किया
बस तुम्हारी ही तलब है
और कुछ फ़रियाद न किया
सूनी बाहें, सूखी आँखें
तुमने हमें आबाद न किया
हमें रखा नहीं दिल में
न छोड़ा, न ही बर्बाद किया-
तेरी यह नाराज़गी, मुझे बड़ा रुलाती है
फूल ये ज़िंदगी के, उन्हें कांटे बनाती है
तेरी मुस्कुराहट, मेरी खुशी का राज़ है
तेरी हर खुशी, मेरी ज़िंदगी का ताज है
पर तू नाराज़ हो कर जब पलट जाती है
मेरे ज़िंदगी में सिर्फ़ उदासी छा जाती है
एक बात कहूंँ तुझसे, ख़फ़ा ना होना
तू नाराज़, मेरी सुबह रात बन जाती है
वादा है तुझसे, तेरी हर बात मैं मानूंँगा
तू सही सब सही, ज़िंदगी खिल जाती है-
जब बैठता मैं खिड़की पर, प्यारी एक बच्ची नज़र आती है
दौड़ती है यहांँ वहांँ, न जाने फिर झट से कहाँ छुप जाती है
एक मस्ती है उसमें, मासूमियत का वो बेशकीमती नमूना है
दिल मेरा खिलखिला उठता, जब मुझे देख वो मुस्कुराती है
नाम कभी न बताया उसने, न मेरा नाम कभी उसने पूछा है
क्या खूब आवाज़ उसकी, हमेशा कोई धुन वो गुनगुनाती है
आंँखों में कोई जादू है, नन्ही आंँखों में मैं बस खो जाता हूंँ
आंँख मारने में माहिर, भोली आंँखें क्या खूब टिमटिमाती है
दौड़ लगाती या बस उड़ जाती, बादलों में फुर्र हो जाती है
एक पल रुकना है मुश्किल, फिर गली में गुम हो जाती है
उंगलियांँ उसकी क्या खूब प्यारी, गुड़िया से खेला करती है
प्यारी प्यारी कुछ हरकतें उसकी, मुझे पिघला वो जाती है
मीठा उसको बहुत पसंद है, जलेबी वो खूब खाती जाती है
मिश्री है वो बड़ी निराली, मेरे मन को मीठा वो कर जाती है
ख़ुदा का वो है एक फरिश्ता, मोहब्बत का उसमें इशारा है
परियाँ भी होंगी सखी सब उसकी, काम वो ऐसे करती है
हर शाम को वो फिर चली आती, मन को बड़ा महकाती है
मासूमियत की वो एक मूरत, एक प्यारी बच्ची कहलाती है-
फिर से एक प्यारी सी शाम चली आई है
एक चाय की प्याली, और हवा मुस्कुराई है
यादों का सिलसिला, हर शाम एक याद है
एक चाय की प्याली, फिर तेरी याद आई है
अकेले ही बैठा हूँ, न हलचल न सरगम है
एक चाय की प्याली, हल्की सी तन्हाई है
एक भीनी सी ख़ुशबू, हवाओं में बहाव है
एक चाय की प्याली, इसमें बड़ी गहराई है
शाम देखो ढल रही, फिज़ा भी ख़ामोश है
एक चाय की प्याली, एक मदहोशी छाई है-
कुछ यादें बार-बार आँखों के सामने चली आती है
दिल को बस छू कर, ना जाने कहांँ चली जाती है
दिल की गहराइयों में कहीं तो छुपी होती है वो
एक झलक मिल कर, हंँसाती तो कभी रुला जाती है
बचपन की यादों की महक, वो चहक, बचपना प्यारा है
गली के खेल, सारी भीड़ में दिखता एक ही वो यारा है
मोहब्बत आशिक़ी की यादों की बात ही कुछ और है
इनकी तड़प, यादों में छुपे एहसास, हर बात कुछ ओर है
ये यादों का सिलसिला, भला किस से भुलाया जाएगा
ज़िंदगी के हर मोड़ पर कहीं ना कहीं, कुछ तो याद आएगा
यादों का सिलसिला ऐसे ही आगे बढ़ता जाएगा
भूली हुई बातों को याद दिला, वो मंज़र फिर नज़र आएगा
सजा कर रखना यादों को, इनमें दर्द है प्यार का एहसास है
हर याद तुम्हारा ही अंश है, हर याद जैसे बहुत ही ख़ास है-
तुम बाएं देखो और मैं दाहिने देखता हूँ और दोनों गिरेंगे धड़ाम😄
मोहब्बत के गड्ढे में जा कर गिरे दोनों, और दिल टकराए धड़ाम😄-
अपने दर्द को दुनियाँ को दिखा कर ख़ुद को बदनाम किया
इस खुशियों की महफ़िल में जैसे कोई जुर्म सरेआम किया-