ये दोस्ती अभी तो शुरु हुई थी इसका अहसास बिछने के बाद आया अब इस दिल को फुसलाने मे कितना वक्त लगेगा यह सोचकर उनका चेहरा याद आया। फिर से मिलेंगे इस बात की तसल्ली देकर अब कितनी रातें बीते लम्हों को याद करने पडे़गे ,उनके इंतजार में एहसास बार-बार आया।
कभी अपना समझकर जिसने गले लगाया, कभी अपना समझकर जिसने गले लगाया, आज एक गलती क्या हुई परायो से बत्तर हाल पर लेआया, विश्वास था कभी उसे मुझपे फिर एक ठोकर से कैसे वो लरखराया सही कहते हैं लोग भरोसा एक बड़ी गलती है टूटने पर अपनो ने भी पराया इंसान बनाया।