vibhor sharma   (विभोर शर्मा)
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Joined 29 October 2017


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Joined 29 October 2017
26 OCT 2021 AT 23:46

Yun dikhte zaroor hain suljhe hue,
Zehen mein sawaal bohot hain.

Khushi dikhti zaroor hai chehre pe,
Dil mein malaal bohot hain.

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14 JUN 2020 AT 3:10

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23 NOV 2019 AT 2:06

उन चंद लम्हों में कई बार दिल ने रुकने को कहा।
हर बार हमने दिल को रुकने को कहा।
दरवाजे की तरफ उन कांपते हुए हाथों को बढ़ते हुए भी कई बार खयाल आया
की लौट चले उन वीरान सड़कों पे, जहा से खाली हाथ लौटे है।
पर इस बार थोड़ी हिम्मत कर के घर के अंदर दाखिल हुए।
ना जाने क्यों घर का अंधेरा उन रास्तों के अंधेरे से ज़्यादा लग रहा था।
माचिस की तीली निकाल कर जलाई तब कुछ रोशनी ने हमारे ही घर में हमारा स्वागत किया।
थक हार कर आए थे, ना दिल में जान बची थी और ना शरीर में।
पास रखी कुर्सी को अपनी ओर खींचा और वही बैठ गए।
ना जाने बैठे बैठे कब आंख लगी और जब वापस कुछ होश आए तो सुबह हो चुकी थी।
बाहर की ओर बढ़े, बाहर देखा तो सभी लोग अपने करीबियों के साथ हस मुस्कुरा रहे थे।
मायूसी कब और कहा काम रह गई थी,
की उस एहसास - ए - कमतरी ने भी हमें अपना शिकार बना लिया।

#Talaash #3

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21 NOV 2019 AT 0:02

और जब पलट कर देखा,
तो एक परछाई दिखाई दी। ना जाने वो कौन था,
शायद वही जिसकी तलाश थी,
या फिर शायद कोई ऐसा जिसके होने की उम्मीद तक ना थी।
कदम एक बेबाकी से उसकी ओर बढ़ने लगे।
पर जैसे जैसे कदम उसकी ओर बढ़ते रहे,
वैसे वैसे वो परछाई हवा में घुलने लगी।
वो उम्मीद फिर से मायूसी में तब्दील होने लगी।
आंखो में आयी चमक फिर से थकान बन गई।
कदमों की बेबाकी ने दर्द बनकर फिर से मायूसी का हाथ थाम लिया था।
और कदम फिर से घर की चौखट की तरफ बढ़ने लगे।
इस बार ना कोई आहट सुनाई दी और ना ही कोई परछाई दिखाई दी।
दिखाई दे रहा था तो बस अकेलापन।
जो मुझे अकेला रहने देने को तैयार ना था।

#Talaash #2

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19 NOV 2019 AT 0:43

Thanks for making it happen😊

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19 NOV 2019 AT 0:34

कुछ अधूरा रह गया था, जिसकी तलाश में निकलते निकलते भी देर कर दी गई।
थकी हुई नज़रों ने जी जान से कोशिश की।
उन अंधेरे रास्तों में उसके होने का एहसास तो था, पर शायद वो नहीं।
या वो कहीं और था और तलाश कहीं और जारी थी।
मुरझाए दिल, थकी आंखे और टूटे क़दमों के साथ बस चले जा रहे थे।
खाली हाथ घर लौटने की हिम्मत नहीं थी।
या फिर यूं कहे की कुछ सुरूर था उस तलाश में,
जो दिल को वहां रोक हुए था।
पर रात चढ़ रही थी तो कदम वापस घर की ओर
मोड़ लिए गए।
घर की चौखट से कुछ कदम दूर ही थे के कुछ आहट सुनाई दी।
जब पलट कर देखा........

#Talaash #1

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3 NOV 2019 AT 0:49

If you can scroll down to the first message of the chat with a friend.

You have been talking to a stranger all that time!

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10 OCT 2019 AT 23:49

हमसे क्या पूछते हो राह खुदाई की,
हम तो खुद निकले है काफिरों की तलाश में।

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7 OCT 2019 AT 21:36

Duniya ko manaya hai,
khud se rooth gaye hai.
Sabko jo dikhaye haste hue,
Apne pe aaye to aaine sabhi toot gaye hai.

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10 SEP 2019 AT 23:31

Sometimes you need to get your ass kicked,
Just to know who has been on a cardio routine for doing the honors.

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