13 APR 2019 AT 17:10

शायद वो समझ न पाए....

हमने उनके सामने हाल-ए-बयां कर दिया है
वो फिर भी पूछ रहे है "कैसे हो?"
शायद वो समझ न पाए....

हमने हमेशा तन्हाईयो में उनका इंतजार किया है
वो फिर भी कह रहे है " कहाँ थे?"
शायद वो समझ न पाए....

हर ढलती हुई शाम के साथ हमने उन्हें याद किया है
वो फिर भी कह रहे है "तुम्हे मेरी याद नही आती?"
शायद वो समझ न पाए....

"वो कभी समझ ही नही पाए।"

- विवेक शर्मा ( vish )