चारों तरफ है शोर हवा काफिर भी सुनाई ना दे कानों कोकुछ तेरे नाम के बदलेकैसी चाहत है ये निगाहों की जो कहती हैतुम ही आ जाओं किसी रोज़किसी शाम के बदले। -
चारों तरफ है शोर हवा काफिर भी सुनाई ना दे कानों कोकुछ तेरे नाम के बदलेकैसी चाहत है ये निगाहों की जो कहती हैतुम ही आ जाओं किसी रोज़किसी शाम के बदले।
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