Vivek Kumar Sharma   (Rundownbunny)
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यात्री हु यात्रा चालू है
Simple boy Simple life
Chai lover ❤️
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Joined 1 April 2017


यात्री हु यात्रा चालू है
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17 FEB 2020 AT 1:59

तुम्हारे जैसा,
कोई मिला नही...
कैसे मिलता,
कोई था ही नही...

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9 JAN 2020 AT 20:12

मै जानता हूं कि मै
गलती कर रहा हु,
पर क्या करू
उससे प्यार बेशुमार कर रहा हूं।

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29 DEC 2019 AT 14:14

किसी शायर से तुम
उसके राज़ न पूछो
कल खुद ही लिख देगा सब
बस तुम आज ना पूछो

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23 DEC 2019 AT 9:55

फिलहाल तो यूँ है,
के कुछ कर नहीं सकते,
तेरे बिन ही मरना होगा,
साथ मर नहीं सकते,
सूखे से पत्ते हैं एक टहनी पे लगे,
किस्मत तो देखो,
के झड़ नहीं सकते,
फिलहाल तो यूँ है, कुछ कर नहीं सकते।

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19 DEC 2019 AT 10:55

बांट दिया इस धरती को
क्या चाँद सितारों का होगा.?
ओर नदियों के कुछ नाम रखें
बहती धारों का क्या होगा.?

शिव की गंगा भी पानी है
ओर आबे ज़म ज़म भी पानी है
मुल्ला भी पिये, पंडित भी पिये
अब पानी का मज़हब क्या होगा.?

अब इन फिरका परस्तों से पूछो
क्या सूरज अलग बनाओगे ?
एक हवा में सांस है सबकी
क्या हवा भी नई चलाओगे ?

नस्लों का करे जो बंटवारा
रहबर वो कौम का ढोंगी है
क्या ख़ुदा ने कभी मंदिर तोड़ा था ?
या राम ने कभी मस्जिद तोड़ी है ?

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16 DEC 2019 AT 20:32

Never Sacrifice your happiness
For your Achievements...!!

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15 DEC 2019 AT 0:27

प्रेम यदि पाप है तो..!
पुण्य किसका नाम है..?
प्रेम ही यदि अपकर्म है तो..!
सत्कर्म किसका नाम है..?
जाकर देखो मन मंदिर में..!
सत्य नाम भगवान है..!
ओर पापियों के पाप से..!
प्रेम भी बदनाम है..!

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14 DEC 2019 AT 0:19

If you are able to leave
The past behind
PRESENT presents you
With Love.

में किसी ओर का हूँ फिलहाल
कि तेरा हो जाऊं...!!!

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25 SEP 2019 AT 22:44

पहलू में छिपाय कुछ साथ लाइ है,
दिल मे दबाये अपनी कोई बात लाई है!

आदत ना पूछो मेहबूब की मेरे,
धूप सी रोशन, पर बरसात लाई है!

लाई है अदाकारी हूरों की नजर में,
सदियों से बिछड़ी जैसे कोई याद लाई है!

में ठहरा कोई खाली सी लाईब्रेरी,
वो अपने साथ एक पूरी किताब लाई है!

जरा देखना क्या वो आयी है!!

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20 SEP 2019 AT 19:16

दुनिया की है रोशन अपनी मेने,
गालियां अब मेरी अंधियारी नही...।
मेरे अंदर आग समंदर है,
मै कोई कमज़ोर बेचारी नही...।

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