सिर्फ मेरी खातिर ,जमानेभर की रुसवाइ लेता है,सुना है,वो चाँद, मेरे छत पर अंगड़ाई लेता है..!! - विष्णु कोल
सिर्फ मेरी खातिर ,जमानेभर की रुसवाइ लेता है,सुना है,वो चाँद, मेरे छत पर अंगड़ाई लेता है..!!
- विष्णु कोल