नए लोगो से मिलना है...
हाँ,अब भी..तुम्हे नए लोगो से मिलना..!
दर्द देते-देते मुझे पत्थर सा कर दिया,
ग़म, शब-ए-तन्हाई तो मुक़्क़द्दर ही कर दिया,
तुझे मालूम ना शायद ,मेरे भी ख़्वाब होते थे,
तेरे ख्वाबों की खातिर दफन सब अंदर ही कर दिया,
तुम्हे अब भी...
नए लोगों से मिलना है...
- विष्णु कोल
21 MAY 2018 AT 18:37