खुद को,
मै खुद से,
थोड़ा ज़्यादा लिख दूं,
जो ना समझ सके तू,
तो मैं आधा लिख दूं,
पूरा लिखूं जो खुद को,
तो खुद कि समझ में आ जाऊं,
आधा लिखूं जो खुद को,
तो खुद को मैं कैसे समझ पाऊं
-
दुनियां तेरा बुरा चाहेगी,
पर खुद का बुरा तू करना नहीं,
चाहना खुद को इतना,
कि लोगों का फ़र्क तुझको पड़ना नहीं,
साथ रहना सदा खुद के,
किसी और से साथ कि उम्मीद तू करना नहीं,
दुनियां तेरा बुरा चाहेगी,
पर खुद का बुरा तू करना नहीं-
बात नज़रों से हो के,
लफ्ज़ों पे आई है,
उन्होंने दिल में जगह,
ऐसे ही नहीं बनाई है।-
लफ्जों को मैं लिख भी लूं,
पर जज़्बातों को मैं कैसे लिख पाऊंगी,
कभी रहा तू साथ मेरे,
तो तुझे एक शायरी ज़रूर सुनाऊंगी।-
है इश्क अधूरा,
हूं मैं अधूरी,
है ख़्वाब अधूरे,
है बात अधूरी,
है इश्क अधूरा,
हूं मैं अधूरी,
है दिन अधूरे,
है रात अधूरी,
है इश्क अधूरा,
हूं मैं अधूरी,
है गीत अधूरे,
है प्रीत अधूरी,
है इश्क अधूरा,
हूं मैं अधूरी-
लफ्जों से बात तो सब करते हैं,
पर नजरों कि बात अलग होती है,
होते है वो कुछ ख़ास हमारे,
जिनसे नजरों से बात होती है।-
खुद को सौ बार प्यार नहीं किया,
तो क्या किया,
खुद से बातें हज़ार नहीं कि,
तो क्या किया,
खुद को बार बार समझाया नहीं,
तो क्या किया,
खुद कि बातों पे सवाल नहीं किया,
तो क्या किया,
खुद का जीना दुस्वार नहीं किया,
तो क्या किया,
खुद को कभी परेशान नहीं किया,
तो क्या किया-
दूसरों कि परवाह करना बंद करो,
और खुद कि परवाह करना शुरू करो,
दूसरों पे भरोसा करना बंद करो,
और खुद पे भरोसा करना शुरू करो,
दूसरों को अच्छा समझना बंद करो,
और खुद को अच्छा समझना शुरू करो,
दूसरों कि तारीफ़ करना बंद करो,
और खुद कि तारीफ़ करना शुरू करो,
दूसरों कि हिफाज़त करना बंद करो,
और खुद कि हिफाज़त करना शुरू करो,
दूसरों कि बातें सुनना बंद करो,
और खुद कि बातें सुनना शुरू करो,
दूसरों का खयाल रखना बंद करो,
और खुद का खयाल रखना शुरू करो,
दूसरों से प्यार करना बंद करो,
और खुद से प्यार करना शुरू करो-
वो आएगा,
आज नही तो कल,
वो आएगा,
दिल कि बात बताने,
वो आएगा,
ख्वाबों को अपने सच बनाने,
वो आएगा,
ख्यालों कि दुनियां बनाने,
वो आएगा-