फ़क़ीर बन कर भी वो खुद को ज़मीदार कहता हैसुना है जबसे उनकी यादो को खुद के पास रखता है - विनय चतुर्वेदी
फ़क़ीर बन कर भी वो खुद को ज़मीदार कहता हैसुना है जबसे उनकी यादो को खुद के पास रखता है
- विनय चतुर्वेदी