अनजान रास्ते पर मिले थे,सुकून का तोहफा दे गए... -
अनजान रास्ते पर मिले थे,सुकून का तोहफा दे गए...
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तुमको लिखना,तुमको पढ़ना,अच्छा लगता था,धूल जम सा गया है,यादों के पन्नों पे,लिखावट पढ़ने में नहीं आती अब.. -
तुमको लिखना,तुमको पढ़ना,अच्छा लगता था,धूल जम सा गया है,यादों के पन्नों पे,लिखावट पढ़ने में नहीं आती अब..
उस रास्ते को सजदा आज भी करते हैं, तुमने थामा था जहाँ हाथ मेरा, साथ अधूरा सही प्यार हमारा मुक्कमल है, हाँ मोहब्बत आज भी करते हैं। -
उस रास्ते को सजदा आज भी करते हैं, तुमने थामा था जहाँ हाथ मेरा, साथ अधूरा सही प्यार हमारा मुक्कमल है, हाँ मोहब्बत आज भी करते हैं।
सब कुबूल था हमे इश्क़ मेंफिर उसने मेरा मजहब पूछ लिया..! -
सब कुबूल था हमे इश्क़ मेंफिर उसने मेरा मजहब पूछ लिया..!
मर्यादा में रहना भी सिखाती है,प्रेम सच्चा हो तो, कोई दूसरा अच्छा नहीं लगता। -
मर्यादा में रहना भी सिखाती है,प्रेम सच्चा हो तो, कोई दूसरा अच्छा नहीं लगता।
हमारा साथ अधूरा सही,तुम कहोतो यादें मुक्कमल करूँ!तुम दोस्त ही बेहतर थे,तुमसे दोस्ती करूंपर इश्क़ नहीं! -
हमारा साथ अधूरा सही,तुम कहोतो यादें मुक्कमल करूँ!तुम दोस्त ही बेहतर थे,तुमसे दोस्ती करूंपर इश्क़ नहीं!
तुम बारिश हो,खिड़की से निहारूं,या थोड़ा भीग लूँ!मुख्तसर सपना हो,पूरा करू,या भुला दूँ! -
तुम बारिश हो,खिड़की से निहारूं,या थोड़ा भीग लूँ!मुख्तसर सपना हो,पूरा करू,या भुला दूँ!
Body was the need,Love was ashamed. -
Body was the need,Love was ashamed.
फूल नहीं आज काँटा लिखा है प्यार नहीं प्यार का अंत लिखा है तुम्हें उसके साथ हँसते देखा था मैंने इसलिए मैंने आखरी खत लिखा है -
फूल नहीं आज काँटा लिखा है प्यार नहीं प्यार का अंत लिखा है तुम्हें उसके साथ हँसते देखा था मैंने इसलिए मैंने आखरी खत लिखा है
वो चाँद है जनाबबदलाव उसका स्वभाव हैकभी पूर्णिमा तो कभी अमावस्या! -
वो चाँद है जनाबबदलाव उसका स्वभाव हैकभी पूर्णिमा तो कभी अमावस्या!