Main us chand ko dekhu, Ya dekhu tujhe। Us chand se bhi sundar, Na jane kyo dikhti tu mujhe।। Na rah pau ekpal dur tumse, Na jane dur kaise tu rahti mujhse।
हाँथो की मेहँदी का रंग ना उतरा था, मांग के सिंदूर उजड़ गए थे। कोई बाप का सहारा माँ का लाडला था, सब को अकेला तन्हा छोड़ गए थे। वो वीर जवान देश की खातिर, कितनी बहनो का आसरा तोड़ गये थे। आँखों में नीर की गंगा बही थी, जब पुलवामा में वीर शहीद हो गए थे।