आप पति ब्रह्माण्ड के कारण के भी कारण मैं 'नौकर' चरणों में आपके और तुच्छ सा चारण आदेश आपका अंतिम है आरम्भ अपकी मर्जी आप मेरे 'मालिक' ठाकुर आप ही तारण हारण।।
आप पति ब्रह्माण्ड के कारण के भी कारण मैं 'नौकर' चरणों में आपके और तुच्छ सा चारण आदेश आपका अंतिम है आरम्भ अपकी मर्जी आप मेरे 'मालिक' ठाकुर आप ही तारण हारण।। 04-03-2024
सम्पूर्ण रत्नाकर आप हैं, एक अणु मैं जल का आदि से अंत तक आप हैं, मैं तो बस दो पल का। आप चमकते हैं मुझमें मैं पिंड प्रकाश रहित हूँ सामर्थ्य आप संसार के, मैं शून्य आपके बल का।।