10 JUN 2017 AT 9:27

कुदरत
सुक़ून मिलता है कभी कभी दूर जाने में ,
कुदरत के और पास आने में,
बारिशें इस कदर बरसी की निखार बढ़ता चला गया,
उस कुदरत का देखो नया रूप निखारता चला गया।

- Jaykar