अनकही अनुभूतियां चैतन्य होते हैं, सूक्ष्म होते हैं।
अंतरात्मा की अंतर्मन के अंतर्गत,
अंतर्गामी गुप्तगामिनी की तरह अंतर्मुखी होकर
अंतर्यामी परमात्मा ईश्वर के लिए बहती प्रेमामृत धारा, निम्रत भाव, भावनाओं को कैसे बयां कर सकते हैं !?
अंतःशक्ति, अंतःश्चेतना को जागृत करनेवाली अनगिनत अपरिचित अतुलित अनकही अनुभूतियों को
कैसे सबके सामने रख सकते हैं !?-
सर्वे जना: सुखिनो भवन्तु।
सबके जीवन कल्याणमय हो।
ख़िरद से अपने किरदार निभाना।
यहां तुम्हारे गम खरीदना नहीं चाहते हैं कोई।
स्वयं सिकंदर बनो और दुःख की समंदर से पार हो जाओ।
और खुशी की किनारे पर आराम से जा पहुंचो।-
खो गया है मानव, दुनिया की माया बाजार में।
इतना खो गया है कि घर लौटने की रास्ते को ही भूल गया है।
आत्माएं अपने अनादि अविनाशी अनन्य चैतन्य शक्तियों को भूलकर,
अंदर से संपूर्ण खाली, खोखले, शून्य हो चुके हैं।
फिर से अपने अंदर दिव्य गुण, शक्ति, संस्कारों को कैसे भरना है ?
आध्यात्मिक ज्ञान की अध्ययन, मनन चिंतन, विचार सागर मंथन, धारण
और ध्यान, योग, त्याग, तपस्या द्वारा अपने को संपन्न और संपूर्ण बना सकते हैं।-
धीमे-धीमे बढ़े चलो, लेकिन सीधे-सीधे।
श्री राधे-कृष्ण को याद करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते चलो।
अपने मन पर रखकर काबू, अपने सोच में भरकर सद्विचारों की खुशबू,
आगे-आगे बढ़ते ही रहो दिल में बिना कोई खोट, बुद्धि में बिना कोई मिलावट,
मन में बिना कोई घबराहट, जीवन में बिना कोई झंझट।
सदैव निर्मल मुस्कुराहट से आगे-आगे बढ़ते ही रहो।-
अक्षरों की उड़ान अक्सर, विश्व गगन में बिना कोई सीमा होती रहती है।
न कोई रुकावट, न कोई थकावट से, ज्ञान की भंडार पसारती रहती है।
उन्नत चिंतन, उत्तम विचार सागर मंथन करने के लिए
प्रेरणादायक, स्फूर्तिदायक बनती है।
नई सीख सिखाते, नया मार्गदर्शन करते हुए
मुश्किलों के आंधी तूफानों को भी पार करने की शिक्षा देती रहती है।
मंजिल को हासिल करने में कितना भी मुश्किलों को सामना करना पड़े,
न अरमान टूटता है, आसमान छू लेने की इरादा न डगमगाती है।
बस, उमंग उत्साह की पंखों को फैलाकर उड़ान करते रहना है।-
If you work with devotion, dedication and determination,
they will lead you towards a great destination.
Never ever feel depression, desperation,
when someone tries you push towards distraction, destruction.
The recognition, realisation of your own virtues as divine,
they will give you enormous inspiration and tremendous motivation.-
सावधान, मेरे प्यारे बहनें!
कभी कोई आपके पीछे आ रहा है
या पीछे कर रहा है तो,
बहुत बहुत सावधान से और समाधान से
उस परिस्थिति की सामना करना।
सबसे पहले ऐसे परिस्थितियों को निमंत्रण नहीं देना।
अगर ऐसे परिस्थिति अनिरीक्षित रीति से आ टपके तो,
हिम्मत और होशियारी से नियंत्रण कर देना।
सदा अपने को मजबूत बनाना।
अपने हिम्मत और ताकत को बहुत बहुत बढ़ाना।-
आत्म साक्षात्कार से ही परमात्मानुभूती साध्य है।
श्रद्धा, प्रेमपूर्णता से ईश्वर की सनीह सानिध्य रहने से ही
आत्मा प्रबुद्ध, परिशुद्ध बनता जाता है।-
If your heart is like a window,
always keep it open
to make the air of positivity enter through it
for your own well being
and its vibes of divinity emerge through it
for the well being of the whole world.-
मेहनत मज़दूरी से क्यों आंख चुराना,
मेहनत करना ना है कोई मजबूरी।
कर्म-क्षेत्र है यह संसार,
हमें यह जानना है बहुत जरूरी।
हासिल ना होती कुछ भी यहां,
बिना निभाएं कोई भी जिम्मेदारी।
हर एक को करना है कोई न कोई कामकाज,
लेके नहीं बैठें हैं यहां कोई ठेकेदारी।-