Vaibhav Singh  
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Joined 20 June 2017


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25 JUL 2018 AT 17:25

"क़द और ऊँचा करके उतरना है उनके ज़ेहन में,
क्या है कि उनके मिजाज़ की गहराई बहुत है"

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15 JUL 2018 AT 1:55

दिल की सरहदें कहाँ होती हैं......किसी पर आना जाना मर्जी है....मलंग है ....रुक गया तो ठिकाना बना नहीं तो बंजारा ही सही ❤️❤️

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15 JUL 2018 AT 1:53

कुछ इस तरह कैद कर गयी है उनकी नज़र
की ये अब उस कैद से आज़ाद नही होना चाहता
आज़ादी तो सबको चाहिए लेकिन इस पाबंदी की मिशाल ही कुछ और है ।

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15 JUL 2018 AT 1:46


दूरियां नजदीक लाती है, और
ज्यादा नजदीकियां दूरियां बढ़ा देती है।
❤️

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22 JUN 2017 AT 21:39

इंसान बड़ा होता गया
सोच छोटी होती चली गई

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21 JUN 2017 AT 18:12

दिमाग को तो समझाया जा सकता है
लेकिन दिल है कि मानता ही नहीं .

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21 JUN 2017 AT 18:06

कल फिर पुराने पासवर्ड को नए
अकाउंट के साथ जाते देखा

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