कुछ अल्फ़ाज़ नही समझ पाते,
कुछ ख़ामोशी भी समझ जाते है,
कुछ सुनी आँखों का राज़ समझ लेते है,
कुछ भीगी आँखों में भी साथ छोड़ देते है,
कुछ दूर बैठे भी मेरी परेशानी भाप लेते है,
कुछ साथ रहकर भी मेरी झूठी ख़ुशी को नही समझते है,
यह तो अहसास है दिल का दिल से,
सबके समझ नही आता,
यह प्यार है बेमतलबी सा,
सबसे हो नहीं पाता|- V@G@✒
13 DEC 2020 AT 22:53