11 AUG 2019 AT 16:09

दैहिक दैविक भौतिक तापा।
राम राज नहिं काहुहि ब्यापा।।
सब नर करहिं परस्पर प्रीती।
चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीती।।

- Susha