26 NOV 2019 AT 7:39

रात भर का है मेहमां अंधेरा...!
किसके रोके रुका है सवेरा...!!

ये वक़्त का दरिया है बहता रहता है...!
बहुत कुछ दिखाता है...बहुत कुछ समझाता है...!!

- Tarungaurjaipur