4 NOV 2018 AT 21:57

समय का पहिया चलता है,
दिन ढलता है,,,
रात आती है,,,
रात में जब एक छोटा सा
नंन्ह सा दीपक जलता है।
उसकी जरा सी ज्योत सही
पर दूर से उसको देख,
कोई बरसो का मुसाफ़िर ,
गिरते-गिरते संभालता है।।

- श्री_रचनाकार