संभाले हो
या जला दिये
या फिर
मेरे दिए ख़त
तुमने अपने ही
आंसुओ में बहा दिये ।।-
24 APR 2021 AT 22:33
25 MAR 2021 AT 10:34
मैंने जीना क्या
शुरू किया,
मुझे बेशर्म, बेहया
कहने लगे लोग,
मैं दिल खोल कर
जो हंसने लगी
मुझे पागल
कहने लगे लोग ।-
15 MAY 2021 AT 1:07
आसमां में बैठे चांद को भी रश्क है,
ज़मीं के जिस चांद से मुझे इश्क है ।।-
20 APR 2021 AT 15:51
बड़े मशरूफ रहते हो
काम बहुत है क्या ??
पहले तो इस ओर
ही आते थे,,
अब दूसरी ओर के
किनारे पसंद है क्या ??-
6 APR 2021 AT 10:10
जैसे नदी समा जाती है समंदर में
बस कुछ इस तरह ही
तू भी समा गया है मेरी रूह में ।।-
3 APR 2021 AT 23:51
सुन्न पड़ जाती है देह
सन्नाटा पसर जाता है
मन के भीतर
स्मृतियां बना लेती है
घेरा हृदय में
वक्त ठहर जाता है
और दर्द समुद्र की लहरों
के समान तेज उफ़ान
लेने लगता है
हृदय स्पंदन धीमा
पड़ जाता है
बस ऐसे ही गुजरती है रातें
जबसे तुम साथ नही ।-