✍️~YQ की Rani दीदी~
YQ में मेरे बहन, दीदीयों की कमी नहीं,
आज "गणेश चतुर्थी" पर सोचा
दीदीयों के लिए थोड़ा कलम चलाएँ।
बहनों की बारी अंत में आएगी आज
कुछ अंगुलियों को जमकर थकाएँ।
उन दिनों तक मैं इनसे ज़रा भी वाकिफ़ नहीं था!
दिन बीत रहे थे और इसी month अचानक अपने
पहले कुछ comments में ही इन्होंने मुझे अपने से
परिचित कराया, इनका अंदाज क्या खूब सही था।
सुंदर हैं, सभ्य हैं, प्यारी हैं ये, इनकी बातें जी को भाती हैं।
हौसलाअफजाई की न पूछिए, मुझसे बताई नहीं जाती हैं।
लेखन का talent इनमें कूट कूट कर भरा है पर ये दिखाती नहीं।
यूँ कहें तो प्रतिभाशालियों को प्रशंसा पसंद खुद की आती नहीं।
दीदी आप खुश रहें सपरिवार आपका भविष्य सुनहरा हो।
जहाँ विराजती हों आप वह घास का मैदान "हरा भरा" हो।-
Kuch toh locha hai 'मोहब्बत' me
जो हम 'सच्चा प्यार' करके गुमनाम से हो गए,
और 'सोनम बेवफा' होकर भी सारे शहर में मशहूर हो गई-
की सोनम गुप्ता ही नहीं तू भी बेवफा है की....
के सोनम गुप्ता ही नही तु भी बेवफा है
ये खबर अखबार में छापने तो दे-
ना पूछो जामाने से क्या हमारी कहानी है, हमारी तो बस इतनी सी पहचान है कि.... हम हिन्दुस्तानी है!!
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं☺️-
मोहब्बत की तो एक कहानी होती हैं
दुनिया नफरत की दिवानी होती हैं
कोई नही करता आज कल सच्चा मोहब्बत
ये हात तो बस खर्चे कराने की होती हैं
हिमान्शु अग्रवाल-
एक लंम्बा वक़्त लगा है मुझे "कोई सोनम" से "वो सोनम" बनने में ,
मुझे एक लम्हे में समझने की कोशिश न कर।-
दिल बड़ा शरीफ है यार,
तुम्हे देख के मुस्कुराए ना , तो क्या करे ।
तुमसे मिलके शरमाये ना, तो क्या करे ।
तूम इस दिल की पूनम जो हो ।
इन सांसों की सरगम , तुम मेरी सोनम जो हो ।-
दिल की ख्वाइशें रंग यूँ लाने लगी
सोनम सी मुस्कुराहटें ज़िंदगी पे छाने लगी ।
तूने एक बार जो मुस्कुराके माफ कर दिया
वही सोच सोच के ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी ।-
यूँ कहता है क्या कोई,
सोनम परी ऐ!
कि मेरे गलीचे में जगमग सी कर जा?
गेसू के जूड़े
ये गजरे की ख़ुशबू,
कुरते के मेरे कॉलर में भर जा?
(○}अनुशीर्षक में पढ़ें{○)-
तुम्हें शायद अच्छा नहीं लगा , मेरा तुमसे सच कहना ।
हाँ ,मैं तुम्हें समझता हूँ ; तुमसे भी ज़्यादा ।
सोनम मेरी , तुम रुलाते बोहत हो ।
खाता तो बता दो, के फिर अनजाने में कोई खता न हो ।
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