✍️~YQ की Rani दीदी~
YQ में मेरे बहन, दीदीयों की कमी नहीं,
आज "गणेश चतुर्थी" पर सोचा
दीदीयों के लिए थोड़ा कलम चलाएँ।
बहनों की बारी अंत में आएगी आज
कुछ अंगुलियों को जमकर थकाएँ।
उन दिनों तक मैं इनसे ज़रा भी वाकिफ़ नहीं था!
दिन बीत रहे थे और इसी month अचानक अपने
पहले कुछ comments में ही इन्होंने मुझे अपने से
परिचित कराया, इनका अंदाज क्या खूब सही था।
सुंदर हैं, सभ्य हैं, प्यारी हैं ये, इनकी बातें जी को भाती हैं।
हौसलाअफजाई की न पूछिए, मुझसे बताई नहीं जाती हैं।
लेखन का talent इनमें कूट कूट कर भरा है पर ये दिखाती नहीं।
यूँ कहें तो प्रतिभाशालियों को प्रशंसा पसंद खुद की आती नहीं।
दीदी आप खुश रहें सपरिवार आपका भविष्य सुनहरा हो।
जहाँ विराजती हों आप वह घास का मैदान "हरा भरा" हो।
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