हंसती-हंसाती
रोती-रुलाती
मुस्काती-शर्माती
लजती-लजाती
इतराती-इठलाती
सजती-सजाती
संवरती-संवारती
गरजती-बरसती
दहकती-सुलगती
महकती-महकाती
सिहरती-सिसकती
तड़पती-तड़पाती
छिपती-छिपाती
जीतती-हारती
तरसती-तरसाती
गिरती-संभलती
दौड़ती-भागती
जीती-जागती
"लड़कियां"
- whosmi/bpawar
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कुछ रिश्ते ऐसे भी😊😊
💕ये रिश्ते हैं हमारे,ये रिश्ते हैं हमारे,,
हर शय से हम जीते बस इनसे हैं हारे!!💕
🙏पूरी रचना caption में पढें 🙏
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कोई हमें जहर दो, कोई तो गला घोट दो
आती-जाती सांसो को
तकिए से दबा कर रोक दो
जीने की अब कोई चाह नहीं
मरने के अलावा कोई राह नहीं
पापो से भरा संसार मेरा
कहीं हो ना जाए व्यापार मेरा
कोई अस्मत लुटेरा लूट कर
मेरी इज्ज़त को नीलाम ना करें
देखो क्या कहती है बेटियां
कोई मार ना दे मेरी आत्मा को
ऐ!मौत अा ले जा तन से प्राण मेरे।
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उसने कभी
नहीं खोजा प्रेम
दुनियादारी की किसी
दुकान पर
किसी साथी की खोज में
हमेशा
उसके लिए
पिता ही बने रहे
जीवन भर प्रतीक
निश्छल प्रेम के
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बेलगाम घोड़ी की जवानी सी हो गई है
मुहब्बत भी आजकल जिस्सानी हो गई हैं।
कैसे करे कोई किसी आशिक पर भरोसा ।
आशिकी भी आजकल
झरने का बहता पानी हो गई है।
मेरे आशिक ताड़ने लगे है।
आजकल मेरे ही पड़ोस वाले घर में
सुना है पड़ोस वाले अंकल की
बेटी भी शायानी हो गई है।।
जब तक पड़ती नजर उनकी
वो किसी और की दीवानी हो गई है
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जब देखती हूं बड़े शहरों में लड़कियों को
बेफिक्री से "सिगरेट के धुंए" को हवा में उड़ाते हुए,
तो गांव की वो लड़कियां याद आती हैं
जो आज भी 12वर्ष के उम्र से ही
"चूल्हे के धुंए" में अपना
"अस्तित्व" ढूंढा करती है...!!!!-
लड़कियां अक्सर प्यार में ,
घर बना लेती है ख़्वाब़ का ,
और... खेलती रहतीं हैं ,
गुड्डे - गुड़िया का... खेल ।-
बनती है... बिख़रती है...
संवरती है.... निख़रती है...,
बताना मुश्किल है... पर
लड़कियां प्यार में पड़ने के लिए ,
एक लड़के में अपनी माँ ढूँढती हैं ।-
🌺मॉडर्न छोरिया🌺
खुदा जब हुस्न देता है ।
नज़ाकत आ ही जाती है।
जरा सा भाव क्या दे दो।
अदावट आ ही जाती है।
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