जो मुझसे मेरी
देह - री के पार मिल सको
तो आना मिलने
मैंने राह में अपनी रूह बिछाई है।
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6 MAR 2020 AT 23:27
17 JUN 2020 AT 20:57
रूह से मुहब्बत करने वाले,बात जिस्म की नहीं करते,
गर हो चाहत जिस्म की,तो इसे 'इश्क' नहीं कहते..!!-
20 SEP 2019 AT 13:23
मिला था एक सौदागर इश्क़ के बाजार में
हमें करीब आता देख बोला मैं रूह का सौदा नहीं करता..-
22 JUL 2018 AT 12:17
तेरी कमी आज भी ख़लती हैं |
तुझसे मिलने के लिए
ये आँखें आज भी तरसती हैं ,
ना जाने कितनी दूर चला गया हैं तु
तेरे बिना ये रू़ह
बार-बार जिस्म बदलती हैं |-
28 MAR 2019 AT 17:58
गर फ़ना होने से डर लगता नहीं ए शायर....
तो मोहब्बत रूह से हुई है तुम्हें......।-
8 MAR 2018 AT 11:58
आंखों की बातें , दिल ही जाने |
जिस्म तो लगा रहता हैं हर वक़्त , रूह को मनाने |-