दिन के उजाले में हँसने वाला हर शख़्स
रात के अंधेरे मे रोता बहुत है..!!-
यू ही कोई आत्महत्या नही कर लेता है साहब,
कुछ तो साजिश समाज ने भी की है ।
जब एक खरोच आने पे हम लोग दर्द से कराहने लगते है,
तो कोई कैसे खुद को इतना बड़ा दर्द दे सकता है?
जब हम वेंटिलेटर पर होते है तब भी जीने की चाह रखते हैं,
फिर कोई कैसे खुद को मारने को मजबूर हो सकता है ?
जो हमारे खुशी के समय में रहने की चाह रखते हैं,
तो वही हमारे दुख के समय मे क्यों नही रहता है?
यू ही कोई आत्महत्या नही कर लेता है साहब,
कुछ तो साजिश समाज ने भी की है ।
- राधा लक्ष्मी-
तुम जो यूँ बीच मजधार मे छोड़ कर जाते हो
क्या कहूँ, दिल को बहुत रुलाते हो ।-
किसी हँसते हुए को अगर रुलाना हो तो,
बस उससे बेइंतहा प्यार कर के छोड़ देना
फिर से पूरी जिंदगी वो खुल कर हँस नही पायेगा-
इस साईकिल की फ्रेम में
लगी बच्चे की गद्दी
बता रही है कि
परिंदे उड़ चुके है
बस यादें शेष है..!!-
पानी की एक बूंद तक न निकली उन आँखों से,
तमाम उम्र जिन आँखो को हम झील कहते रहे .!-
Yq पर पूरे हुए एक वर्ष
आप सभी दोस्तो और अपरिचितो का बहुत बहुत आभार
🤘🏻🤘🏻🤘🏻🤓🤓🤓🤣🤣🤣
Yq के team को भी बहुत बहुत शुक्रिया
हम जैसे newcomers को एक platform देने के लिए 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻-