जब यह सत्य का एहसास होता है कि यथार्थ में रिश्तों में सिर्फ़ एक बहाने की तलाश होती है। निभाने वाले को भी,और छोड़कर जाने वाले को भी। #मैत्रेय
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यह हर क्षण याद रखें कि सरल व्यक्ति के साथ किया गया छल बर्बादी के सभी द्वार खोल देता हैं, चाहे कोई बड़े शतरंज के खिलाड़ी क्यो न हों। #मैत्रेय
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जीवन में कभी भी रिश्तों को शब्दों का मोहताज ना बनाइये अगर अपना कोई खामोश हैं तो खुद ही आवाज लगाइये। #मैत्रेय
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समर्थन और विरोध केवल विचारों का होना चाहिए ना कि किसी व्यक्ति का नहीं। याद रखें अच्छा व्यक्ति भी गलत विचार रख सकता है और किसी बुरे व्यक्ति का भी कोई विचार सही हो सकता है। मत भेद कभी भी मन भेद नहीं बनने चाहिए। #मैत्रेय
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सुप्रभात। भाई दूज के शुभ अवसर पर आप सबको ढेर सारी शुभकामनाएं आपके जीवन में सुख शांति और समृद्धि हमेशा बनी रहे। यहीं मेरी दिल की यह कामना है कि आपकी ज़िंदगी खुशियों से भरी हो कामयाबी आपके कदम चूमे और हमारा यह बंधन सदा ही प्यार से भरा रहे। याद रहे कि धनवंतरी आरोग्य देता है, दीप चतुर्दशी संकलप शक्ति देता है, दीपावली सम्पति और वैभव देता हैं। भाई दूज भाई-बहिन, भाई-भाई का प्यार देता हैं । #मैत्रेय
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दर्द कागज़ पर,मेरा बिकता रहा,
मैं बैचैन था,रातभर लिखता रहा।
छू रहे थे सब,बुलंदियाँ आसमान की,
मैं सितारों मे,चाँद की तरह छिपता रहा।
अकड होती तो,कब का टूट गया होता,
मैं था नाज़ुक डाली,जो सबके आगे झुकता रहा।
बदले यहाँ लोगों ने, रंग अपने-अपने ढंग से,
रंग मेरा भी निखरा पर,मैं मेहँदी की तरह पीसता रहा।
जिनको जल्दी थी,वो बढ़ चले मंज़िल की ओर,
मैं समन्दर से राज,गहराई के सीखता रहा।
ज़िन्दगी कभी भी ले सकती है करवट तू गुमान न कर
बुलंदियाँ छू हज़ार, मगर उसके लिए कोई 'गुनाह' न कर।
कुछ बेतुके झगड़े, कुछ इस तरह खत्म कर दिए मैंने
जहाँ गलती नही भी थी मेरा,फिर भी हाथ जोड़ दिए मैंने।
-मैत्रेय-
दौड़ है जिंदगी गर मन में चैन नहीं,
दौड़ हैं जिंदगी गर घर में आराम नहीं,
दौड़ हैं जिंदगी गर तन में क्षमता नहीं,
दौड़ हैं जिंदगी गर सक्षम बनने कि चाहत नहीं
-मैत्रेय-
कि जो आसानी से मिल जाता है वो हमेशा तक नहीं रहता,जो हमेशा तक रहता है वो आसानी से नहीं मिलता। यह सत्य आज भी पूर्ण रूप से जीवन में हर क्षण में मार्ग दिखा रही हैं। #मैत्रेय
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क्रोध आने पर "चिल्लाने" के लिये ताकत नहीं चाहिए |मगर "क्रोध" आने पर चुप रहने के लिए बहुत ताकत चाहिए। #मैत्रेय
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क्युकि हम सत्य स्वीकार करने से पहले मानसिक रूप से हम वो नहीं हो सकते जो हम सोचते हैं या बनना चाहते हैं। इससे बेहतर है कि हम अपने आप को पूर्ण रूप से स्वीकार करें कि हम कहाँ हैं, इसका गहराई से आनंद लें और समझें कि यह उद्देश्य है नवनिर्माण का, हम जो चाहते हैं वह बनने के लिए प्रेरित हों और अपने आप पर विश्वास करें और अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। #मैत्रेय
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