शायर की कलाम से निकले लफ्ज़ को सिर्फ लफ्ज़ मत समझना,
ये एक शायर की दिल की ज़ुबअनी होती है,
और किसी किसी की मोहबत ऐ दास्तां भी होती हैं!!-
21 FEB 2019 AT 0:43
शायर की कलाम से निकले लफ्ज़ को सिर्फ लफ्ज़ मत समझना,
ये एक शायर की दिल की ज़ुबअनी होती है,
और किसी किसी की मोहबत ऐ दास्तां भी होती हैं!!-