यही मुझे सिखाया गया
बस इतना ही मुझे आया है
नहीं सोचा मैंने कभी खुद का
बात जब भी मेरे आन पर आया है
जब बुरी नज़र पड़ी मेरे ही सम्मान पर
जान न्योछावर खुद की कर आया है
लोगों के पीछे जब मेरे अपने सम्मान को जाते देखा
तब खुद से अपना ही विश्वास उठ आया है
अपनों के लिए मैंने सर झुकाना है सीखा
झुका सर देख मेरा अपनों ने ही खिल्ली उड़ाया है
गोली लगी फिर भी शान से अडिग रहा मैं
हाँ मुझे सर धड़ से भी अलग करने आया है
मेरी शान मेरे मातृभूमि की ख़ातिर मैं कुछ भी कर जाऊँ
मेरे पवित्र "माँ" के लिए "अमर" अपनी जान भी देने आया है-
सोचा थोड़ा निभाऊं अपना फ़र्ज़,
'माँ' थोड़ा चुकाऊं तेरी ममता का कर्ज!
निकला ढूंढने और मैं अपनी इच्छा पूरी करने पे अड़ गया,
पर इस जँहा में तेरा स्नेह ढकने को आसमाँ भी कम पड़ गया!-
तुम क्या सिखाओगे मुझे, प्यार करने का सलीक़ा
मैंने 'माँ' के एक हाथ से थप्पड़, दूसरे से रोटी खाई है
- साकेत गर्ग-
बच्चों के हित के लिये स्थापित नियमों को तोड़ना पड़े, तो वह भी तोड़ना चाहिए।
यही सीख हमें रामचरितमानस के इस प्रसंग से मिलती है।-
माँ वो पेड़ है
जिसकी छाया जितनी दूर जाओ
उतनी ज़्यादा होती जाती है।-
सुंदर प्रसन्न हैं देवी देखो मैया की प्यारी भोली सूरत
आँखों में दया का भाव है वो हैं प्रेम की सच्ची मूरत
जगत माता देवी शक्ति हैं वोतो हैं मेरे शिव की पूरक
उनकी मुस्कुराहट है जैसे भोले शिव की प्यारी सूरत-
ऋतू आ रही है कार्तिक मास की
देखो कितना सुहाना मौसम हुआ है
हुए आनन्दित सभी धरती गगन में
मिट गई अशुभता फिर देखो जग अब रौशन हुआ है
हो गई आरम्भ खुशहाल शुभ नवरात्र की
देखो मेरी प्यारी माता का शुभआगमन हुआ है
हैं सुंदर स्वरूपा मेरी गौरीशंकर जी के
आई हैं दुर्गा माता देखो शुभता का सुंदर प्रदर्शन हुआ है-
अम्मी...
कभी रस्मो की तरह,
तो तौर ए रिवाज कभी,
प्यार जताते है बच्चे,
टुकडे टुकडे प्यार को
अब तरसती है अम्मी।
कुछ वक्त साथ उसके बिताया जाए,
थोडी सी तवज्जो दी जाए,
बेगरज प्यार के बदले,
बेहिसाब प्यार कब मांगती है अम्मी!
'रफ्तारे जिन्दगी के साथ ,
हम मसरूफ हो भले
माँ- बाप तन्हा है मगर ये ना भूले,
अब प्यार आराम और सहारे की,
हकदार है अम्मी!
जिन्दगी दी है हमे ,
बन्दगी की हकदार है अम्मी!!
......Disha'Azal'
Happy Mother's Day..-
सब कुछ पा कर भी समर्पण करने का हुनर
हमें अपने "पिता" से सीखना चाहिए
और सब कुछ हार कर भी जग जित लेने का हुनर
एक "माता" से बेहतर कोई नहीं सीखा सकता-