अगर इज़हार करूं मैं तो इकरार करोगे क्या?
प्यार के बदले में मेरे मुझसे प्यार करोगे क्या?
राह बड़ी अनजानी और मंजिल काफी दूर है,
हाथ पकड़ कर मेरा तुम एतबार करोगे क्या?
भले अलग है दुनिया अपनी, न ही कोई मेल है,
खुद में पिघलाकर मुझे अपना संसार करोगे क्या?-
दिलों में आग, लबों पर गुलाब रखते है,
सभी आजकल चेहरे पर नकाब रखते है।
जड़ों को काटकर जो बैठे कुर्सी पे अपनी,
आरी हाथ में और छाँव के ख़्वाब रखते है।
कभी देखा नहीं जिसने आइना खुद का,
हमारे दाग़ का वो भी अब हिसाब रखते है।
नहीं समझा कभी कि क्या है राम व अल्लाह,
बगल में वो दबाकर धरम की किताब रखते है।
लबों पे हो भले मुस्कान, कभी गौर से देखो,
छुपाकर आँख में अपनी बड़ा सैलाब रखते है।
कभी अच्छाई को मेरी कमजोरी न समझना,
प्यार के साथ हम नफ़रत भी बेहिसाब रखते है।-
दिल हमारा इस तरह से छला गया,
कोई आया और आकर चला गया।
सुकून था दिल के अंधेर कमरे में मेरे,
पर जालिम प्यार की आग जला गया।
गुरुर था मुझे बड़ा कि पत्थर हूं मैं,
पर वह मुझे मोम सा पिघला गया।
सितारे साफ दिखते थे रातों में मुझको,
अब उन नजारों को भी वो धुंधला गया।
ढूंढू कहाँ और किस से मैं पूछूं पता,
कुछ भी तो नहीं वह मुझे बतला गया।-
आज पास आने को दिल चाहता है,
थोड़ा तुम्हे सताने को दिल चाहता है।
किसी बात पर मुझसे रूठे हुए हो,
आज फिर मनाने को दिल चाहता है।
दबी हुई है कुछ बाते लबो में जो,
वो सारी बताने को दिल चाहता है।
सूनी सड़क पर ले हाथों में हाथ बस,
रातों में निकल जाने को दिल चाहता है।
एहसास मेरे कुछ गर्म सांसों के जरिए,
बंद लबों को सुनाने को दिल चाहता है।
चुन कर के ख्वाब तेरी पलकों के सारे,
बिंदि कुमकुम सजाने को दिल चाहता है।
सातों वादे, कसमें और रस्में वो सारी,
बस तुमसे निभाने को दिल चाहता है।-
भला जो प्यार सब मुझसे सभी इतना जताते हैं,
गधे पहले से है सब या गधा मुझको बनाते हैं।
किसे है वक्त पढ़ने का किसी ने भी लिखा हो जो,
सभी बस खूब कहते है व नीचे दिल दबाते हैं।
बनाते दुम कमेंटो की भले हो पोस्ट कोई भी,
इमोजी डाल कर पीले मुझे पीला दिखाते हैं।
चला दिन भर नहीं सकता बला ये वायक्यू की मैं,
अगर रिप्लाई ना दू मैं यहाँ सब मुँह फुलाते हैं।
निभानी दुश्मनी हो तो सीधे मुझसे निभाओ ना,
मुरब्बा फोन का होता इसे सब क्यों सताते हैं।-
मेरे सवाल का उसने कुछ यूं जवाब दिया,
उसने कांटे निकाल के मुझे गुलाब दिया।
कुछ भीगी थी पलके मेरी जाने से उसके,
बरौनी हाथों पे रख के उसने ख्वाब दिया।-
ये ज़ख्मों का इलाज हम अब कहाँ करवाएँ,
जब दर्द दिया हो हकीम ने फिर कहाँ जाएँ?-
करो ना ख्वाहिशें पूरी नहीं होगी सितारे से
बेचारा ख़ुद ही है टूटा, तुम्हें वो ख़ाक देगा क्या?-