बात करने के लिए
वक़्त और शब्द
नहीं, बल्कि मन होना
चाहिए...
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28 SEP 2021 AT 0:39
ये पल जैसे सूरज जमीं पर उतर आया है,
झुलस गए लाखों बदन आग क्यों लगाया है।
क्या मान लूं कातिल उसे गलत तो नहीं है,
कौन है जो बातों से लाखों घर को जलाया है।।-
ये पल जैसे सूरज जमीं पर उतर आया है,
झुलस गए लाखों बदन आग क्यों लगाया है।
क्या मान लूं कातिल उसे गलत तो नहीं है,
कौन है जो बातों से लाखों घर को जलाया है।।-