दूर वो आसमा,जमीं से मिलता नजर आता है, मारिचिका हवा सा पानी हिलता नजर आता है, कही सूरज डूबता तो कही निकलता नजर आता है सब झूठ है यहां पे बिक्रम,दिखावा है सच नजरो से कहा, किसे नजर आया है।
नज़र से जा नज़र मिली नज़रो ही नज़रो मे दिल मिले एक नज़र ने दूसरी नज़र को देख नजरे झुका ली जैसे नज़रो ही नज़रो मे इश्क कुबूल हुआ हाय! नज़र ना लगे इस इश्क ए नज़राने को किसी की इस नज़र से घायल आज हर नज़र हुआ।