जिंदगी तुम्हारे सबक
तुम को कैसे समझूं जिंदगी
बहुत उलझन है
तुम्हारे सबक याद करता रहूं
कब तक
हर रोज सोचता हूं की इम्तिहान
ख़तम होगा
पर नया सवेरा,नए सवालात
ले आता है
हर बार की तरह नतीजा ,सिफर
रह जाता है-
दोस्त
सब्र करो कि दोस्त मिल गए
वरना
अपना कांधा कौन देता
आपके गम
बांटने के लिए।-
तुम्हारी बातें
तुम्हारी बेसाख्ता खिलखिलाहट,
में वक़्त की बेरुखी झलक जाती हैं
जब तुम आसमान के तारे
गिनती हो
मैं समझ जाता हूं दिल की बैचैनी
जब तुम मुंह मोड़कर आंसू के कतरे,
मिटाने की नाकामयाब कोशिश
करती हो
तुम अपनी पेशानी के पसीने
को मत पोछा करो,
लगता है कि
फूल ओस में नहाया हुआ है।
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फूल तुम्हारे इंतजार में हैं
तुम अपनी गठरी कब तक लादे रहोगे,
फेंक दो ,ये सब दिमागी कचरा है
और निकल जाओ फूलों की घाटी में,
बहुत सारे फूल तुम्हारे इंतजार में हैं।-
यारों के साथ हो लें
चलो साथ बैठ कर थोड़ा मुस्कुरा लें
रास्ता लंबा है
कोई मशहूर गीत गुनगुना लें,
उलझने आयेंगी
कोशिश करेंगी उलझाएंगी
चलो थोड़ा सुस्ता लें,
सुना दरिया बहुत है बड़ा
पार करना
थोड़ा दम सांसों में भर लें
सुना है गुमनाम गलियां भी
हैं रास्ते में
कुछ खुशदिल
यारों के साथ हो लें।-
अच्छा है
चलो अच्छा है ,जल्दी आंखें खुल गईं
वरना सपने में ,जाने क्या क्या देखते-
सपने और खैरियत
वो मेरे अपने थे
जो गिरने की दुआ करते थे।
तुम हो कौन जो सपनो में
खैरियत पूछा करते हो।-
फलदार पेड़ और अच्छे विचार
कुछ अच्छे विचार
इधर उधर भी छोड़
दिया करो,
ये वो बीज हैं जो कई बार
फलदार पेड़ बनकर
सामने आ जाते हैं।
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बस मौन हो जाइए,
एकांत में एकात्म के,
साक्षात्कार करने का
सुनहरा मौका हैं।-
#इमदाद_और_जिंदगी
काश थोड़ी बरसात यहां भी हो जाती,
धरती सूख कर सख्त हो चुकी है,
कुछ गीलेपन की इमदाद यहां भी हो जाती,
लोग प्यासे पत्थर हो चले,
जज्बात गुमसुम गुम हो गए,
काश बारिश हो, बाढ़ आ जाए,
सब बह जाएं,ये गम,नफरतें,शिकायतें
केवल रह जाए रेत की ओट से झांकती जिंदगी
नन्हे फूल जिन्हे सिर्फ आता है मुस्कुराना,
और खिल जाएं वो चमकीली आंखे,
जो कहीं डर कर छुपी हुई हैं।
#नई_स्याही #ज्योतिर्मय_रचित
#05/05/2021
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