वक्त गुजर जाता है दुनिया बदल जाती है
कुछ चीजें वैसी की वैसी ही रह जाती है-
कलात्मकता और रचनात्मकता असमंजस में खो रही है,
स्त्री और पुरुष की ऊर्जा बस यूँ ही बर्बाद हो रही है ।
#जागरणएकमात्रसमाधान-
जिस मनुष्य ने अपनी मनःस्थिति से वर्तमान की परिस्थिति को उत्साहित दृष्टिकोण दे दिया हो वह मनुष्य के रूप में स्वयं का भगवान ही है।
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समझदारी शून्य-मन(शांत-चित्त) में उपजी विचार-अवस्था/संगीत है जबकि बुद्धिमानी भरे हुए मन का शोर।
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अपने शरीर से जुड़े किसी प्रत्यक्ष अहसास के साथ न्यूनतम एक भोजन करने के समय के बराबर समय तक रहना जीवन साधना का प्रथम चरण है।
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आदत,परंपरा या बेहोशी
एक ही बात है,
जीवन में अधिकांश पाप इन्हीं के कारण होते हैं,दुखों का दरिया।-
System is a team of source and sink yielding mechanism. Science is a Systemic knowledge.
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सावधान!
बेवक़ूफ़, मूर्ख और धूर्त मनुष्य भी अच्छी, सच्ची और सही बात भी जानता है।-
संसार को मायाजाल/भ्रमजाल इसलिए कहा जाता है क्योंकि सोए हुए/अनियन्त्रित मन वाले लोग सतरंगी छटा देखकर स्वयं को सम्भाल नहीं पाते, दोष स्वयं के भीतर है अहंकार वश दोष संसार को देते हैं।
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