न हिज्र की ताबी है, न वस्ल की आरज़ू !!
इश्क़ की रूहानी चौखट पर बैठा है दिल!-
17 JUN AT 12:31
5 JUN AT 7:07
प्रेम,तर्क से परे नहीं है !!!!
बल्कि वो एक उच्च गणित है —
जहाँ भावनाएँ सूत्रों में नहीं,
स्पंदनों में हल होती हैं !!!!
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न हिज्र की ताबी है, न वस्ल की आरज़ू !!
इश्क़ की रूहानी चौखट पर बैठा है दिल!-
प्रेम,तर्क से परे नहीं है !!!!
बल्कि वो एक उच्च गणित है —
जहाँ भावनाएँ सूत्रों में नहीं,
स्पंदनों में हल होती हैं !!!!
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