मेरी हर बला को अपने सर ले लिया करती है
मेरे हर दर्द की माँ ऐसे दवा किया करती है।।-
हो दवा या दुआ, काम कुछ करता नहीं
दिल तेरे दीदार बिन, अब मेरा भरता नहीं
वो इशारों ही इशारों में तेरे संग गुफ़्तगू
दर्द-ए-दिल कहते रहे, दिल तेरा सुनता नहीं
हम ने सोचा था तेरे बिन, तय करेंगे फासले
उम्र भर चलते रहे, पर रास्ता कटता नहीं
क्यूँ रहे बाक़ी जला दो मेरे दिल का आशियाँ
उजड़ी दीवारों पर अब, रंग कोई चढ़ता नहीं
इश्क के मारे हैं हम, तुम ही बताओ क्या करें
तुम तक आ कर थम गया, रास्ता मुड़ता नही,
हो दवा या दुआ काम कुछ करता नहीं..।-
ये जुड़ाव शब्दों का है या भावों का है
ये दर्द यादों का है या घावों का है
बहुत गुमान है उन्हें अपने आप पर
ये गुरुर वादों का है या दावों का है-
बातें सुनकर हमें जानने का बेवजह दावा न करो,
कभी खामोश साथ बैठे हो तो मैं यकीन भी करू।-
थोड़ा दिखावा करना पड़ता है
प्रेम का दावा करना पड़ता है
कब तक झेलें उनकी नजरों के तीर
हमें भी धावा करना पड़ता है-
Waada kia bhi aur nibhaya bhi .
Mgr uska kya jo bewaffa bhi hai aur bhanebaaz bhi .-
कई बार हम दावा करते है कि
हम उन्हें उनकी रूह से पहचानते है,
पर असल में हम सिर्फ़ उन्हें
अपने नज़रिये से जानते है-
Bhaana nhi wo to door hone ka bhana tha .
Kmbkht yu smj lo k humse behtar mil geya .
Abb hum kya the unke liye .
Kyo k abb to unhe humse jyada chahne wala koyi aur mil geya .-
मुझे मुझसे ज्यादा जानने का दावा करते है
ये गलतफहमी आज कल कई पाला करते है-