ना छोड़ेंगे साथ कभी
न टूटेगा प्यार का दामन कभी
ये वादा रह जो तुमने दी हिदायत कभी
तो सर झुका के कबूल होगी सभी...
ये वादा रहा तुमसे छूटेगा ना साथ कभी.......
तुम्हारा हर दुख मेरा तुम्हारी हर तकलीफ मेरी
अकेला न छोडेंगे बीच मझदार में कभी
ना आने दूंगी आंसू तुम्हारी आँखों से कभी
तुम्हारी खातिर पीना पड़े अगर ज़हर तो कभी
हँसते हँसते पी जाऊंगी.....
ये वादा रहा तुमसे ना
छुटेगा साथ कभी......
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मुश्किलों में मुस्कुराना सीखिये,
फूल बंजर में उगाना सीखिये!
खिड़कियों से झांकना बेकार है,
बारिशों में भीग जाना सीखिये!
आंधियां जब दे रही हो दस्तकें,
तब दिये की लौ बचाना सीखिये!
खामोशी से आज सुनता कौन है,
शोर महफिल में मचाना सीखिये!
डालिये दरिया में यूं मत नेकियां,
अब भला करके जताना सीखिये!
तान के रखिये इसे हरदम मगर,
सर किसी दर पे झुकाना सीखिये!
भीगती है आँखे किसी की याद से,
आंख को सबसे छुपाना भी सीखिये!-
इल्म होता ज़रा भी कि ,
जायज़ के लियें झुकना तुम्हें पसंद हैं।
तो कबका हम जायज़ के पैमाने बन गये होते।
आज अहं ने रोक दिया तुम्हें झुकने से,
वरना मोहब्बत के कई मायने बदल गये होते।-
बहुत बड़े होते हैं वो जो झुककर बात करतें हैं,
आपकीं तहज़ीब ही परवरिश का नतीजा बताती हैं!-
नई डगर है
नया सफर है
राह ए मंजिल पास नहीं
खतरों से भरा सफर आसान नहीं
रुकावटें इसमें खड़ी अनेक हैं
जलने वाला हर इंसान है
तू मत रुकना
तू मत झुकना
हासिल करना तुझे वो मुकाम है
जहाँ आता-जाता कोई खास है
ऐसे ही नहीं बढ़ चला है
मन में ठाना कुछ खास है !!-
यूं न टूट कर बिखरा कर,
किसी गैर के आगे,
कि जब भी खुद को समेटेगा,
झुकना भी पड़ेगा।...-
निभा इंसानियत बिना ख़ुद को नज़रंदाज किए,
रब ने सहनशीलता हमें झुकने के लिए नहीं दी l-
काश..!!!😢
तुम मेरी इस बेचैनी को समझ पाते,
अपनी जिद छोड़...
इस रिश्ते को बचाने के लिए
थोड़ा झुक जाते।-
जिससे करता हूँ बात, उस जैसा बन जाता हूँ
झुकता है तो झुकता हूँ, तनता है तो तन जाता हूँ-