QUOTES ON #जन्माष्टमी

#जन्माष्टमी quotes

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25 AUG 2019 AT 11:56

आइए, आज जन्माष्टमी के अवसर पर पढ़ते हैं वह प्रसंग जब शिव, कृष्ण के बाल रूप का दर्शन करने जाते हैं। इस प्रसंग को रवींद्र जैन ने अपने रचित पदों से बहुत अच्छा व्यक्त किया है।

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11 AUG 2020 AT 9:51

Radhakrishna

In pedo se jhule utarane lage hai
Kanha vrindavan chod chale hai.
Vyatha kon samjhaye rahdha ki
Jism se rooh muh mod chale hai.
Ek duje se kab alag rahe hai dono
Mora' prem raag bas tod chale hai.
Ki ek hi man hai or ek hi radha
Laa de jo koye sang kanha bansuri,
Dwarkadhish banan ki or chale hai.
Hai jo kaisi ghadi ye aan padi hai
Dene mohe pida badi ghor chale hai.
Ki mere man mai rehne wale,shyaam
Radhekrishna raas sab oadh chale hai.

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12 AUG 2020 AT 18:02

सावरा - सलोना सा है,
दिल उसमें खोना सा है
वो नटखट, गोपाल
मनमोहन घनश्याम,
ओ कान्हा मेरे आप का रूप,
हर कोई आपके वशीभूत,
सबका चित्त चुराने वाला,
राधा को हरषाने वाला,
गोपियों से रास रचाने वाला,
सबको पार लगाने वाला,
सबके दिलों में जगह बनाने वाला,
आपकी छवि कोई जादू टोना सा है...

जय श्री राधा - कृष्णा 🙏🙏



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11 AUG 2020 AT 17:32

1. जीवन के मूल्यों का महत्व और उसे पाने का हुनर।
2. अधिकार मांगने से नहीं मिलता, उसे छीनना पड़ता है।
3. प्रेम का कोई रूप नहीं होता, वह अविकार होता है, जिसमे सारी सृष्टि समाहित होती है।
4. व्यक्ति की पहचान उसके भुजबल से नहीं बल्कि उसकी बुद्धि बल से होता है।
5. आपकी छमाशीलता और शान्तिरूप एक सीमा तक ही शोभा देती है।
6. आपको अपनी शक्ति का एहसास कराना पड़ता है, नहीं तो लोग आपका उपहास उड़ाते हैं।
7. आदर्शवादी और सत्यवादी होना अच्छी बात है, लेकिन हर
बार नहीं। आपको कूटनीति में भी पारंगत होना पड़ता है।
8. सभी अपने होते हैं, पर जब कोई शस्त्र उठा ले तो वह
मात्र एक शत्रु होता है और कुछ नहीं। वहां ऊंच-नीच,
अच्छा-बुरा,आदर-अनादर सब मिट जाता है।
9. सत्य वही है जो असत्य से परे है, अर्थात जिसमें कोई दोष
नहीं है।
10. आपको किसी की ज़रूरत नहीं होती, आपको अपने आप
की ज़रूरत होती है। आप स्वयं में ही संपूर्ण हो।

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6 APR 2018 AT 9:20

कृष्ण जैसे इश्क़ की परिभाषा कौन लिखेगा
हज़ारो सखियों से घिर कर भी
हृदय से बस राधा नाम कौन रटेगा

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11 AUG 2020 AT 19:47

हे मानुष! अधर्म का मार्ग त्यागकर, धर्म के मार्ग पर चलो।
जीवन के इस डगर में, सत्य का मार्ग अपनाओं।।

अपने कर्तव्य पथ पर अडिग रहो, कर्म बंधन में बंधे रहो।
मन को शांत करो, एकाग्र रखो, और कर्म पथ पर चलते रहो।।

ईर्ष्या, द्बेष की भावना मन में मत आने दो, मन को शांत रखो।
माता- पिता का आदर कर, अपने कर्तव्य को निभाओ।।

अंधकार सी इस जीवन को, अपने कर्मों से प्रकाशवान कर दो,
मोह- माया के इस बंधन को तोड़कर, सत्य के गंतव्य पर जाओ।।

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30 AUG 2021 AT 19:12

आज की मीरा

आज की मीरा प्रैक्टिकल, हकीक़त में जीती है।
विष न राणा देता है, न ही मीरा पीती है।।

न वो माथा पटकती है न दर दर भटकती है।
ससुराल या नैहर सब का मान रखती है।।

मीरा और राणा दोनों अब संग घर में रहते हैं।
कान्हे को उनके बच्चे प्यार से मामा कहते हैं।।

हर राणे में कान्हा है, हर कान्हे में राणा है।
मीरा भी समझती है मूव ऑन का जमाना है।।

कुछ मीरा और कान्हा की बात बन भी जाती है।
कुछ घर से भाग जाते हैं, कुछ की शादी हो जाती है।।

बैकुंठ धाम में कान्हा चैन से बांसुरी पकड़ता हैं।
किसी पागल के लिए अब न वो धरती पे उतरता है।

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30 AUG 2021 AT 10:30

कान्हा जी के जन्मोत्सव की
आप और आपके परिवार को
ढेर सारी शुभकामनाएं🙏🙏🙏

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11 AUG 2020 AT 14:16

कभी जो भाव उठते हैं, प्रभू की भक्ति से प्रेरित,
करूँ अर्पित कोई रचना, तेरे गुणगान में लिखकर!

गुनाह हैं झाँकने लगते, मन के उस एक कोने से,
जहाँ महफ़ूज़ रक्खा है, गुनाहों की तिजोरी को!

सिहर उठता है अन्तर्मन, कि भय से कांप जाता हूँ,
निकल इससे नहीं पाता, कभी मैं लिख नहीं पाता!

मिटे प्रारब्ध का अंकुश, कृपा अम्बर से गर बरसे,
हृदय की वेदना कम हो, प्रभू का गीत बह निकले!

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11 AUG 2020 AT 12:44

जो गूढ़ ज्ञान अर्जुन पार्थ को
आज भी पढ़ गीता दुनिया समझ रही यथार्थ को

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