चुगलखोर चापलूस की चालों से चतुराई से बचना
ऐ दोस्त तुम चालाकी से हर बुराई से बचना-
इस व्हाट्सएप के
पेट मे कोई बात
नहीं पचती...😏
मैं इधर कोई मैसेज
डिलीट करता हूं,
वो उधर तुरन्त
बता देता है...😐-
अलग से लगते हो आजकल
क्या रातों को जगते हो आजकल
चुगलखोर आँखों ने कह दिया
कि नींद को ठगते हो आजकल-
मेरे मन का दिशासूचक
क्यों ठहर गया है तेरी ओर?
तेरे मेरे बीच ये किसने
बाँधी है एक कच्ची डोर?
रहता हूँ मैं हर वक़्त तन्हा
भीगे क्यों रहते नयनों के कोर?
लेता जो कोई कभी नाम तेरा
धड़कनें बन जाती क्यों चुगलखोर?
चैन और नींद चुराकर मेरी
जाने कहाँ छुप गया है चोर?-
❣️आओ बैठो साथ,
सखी - सहेला,
हमारी चुगल चपाटी में,
रहे ना कोई अकेला....❣️-
ओ लड़कियों के अंदर छुपी औरतों 😒😒
ज़रा भी रुचि नहीं तुम्हारी इन चुगली भरी बातों में👿👿
यार मत बोला करो अपने बीच बैठने को मुझे😰🙄
क्या फ़ायदा जब मैं अच्छी वाली बेज़्जत्ती कर देती हूं 😂😂🤣🤣🤣😒-
इधर सुनकर उधर सुनाना
यह हुनर मुझे नहीं था अपनाना
ना जाने किसने
हमारे बीच ये जहर घोली
जो सोच ना सकते थे
वो बात किसी ने आप से बोली-
हाँ, ख़ुद में गुम रहना, अच्छा लगता है मुझे,
क्योंकि आदत नहीं मेरी, दूसरों की चुगलियां करने की !!-
दूसरों से ज़्यादा घुलना-मिलना, अब पसंद नहीं मुझे,
मुझे चुगलखोरों से, दूर रहना सुकून का एहसास दिलाता है।-
"कुछ लोगों को अपनों का ही अपयश करके लगता
इत्र सी,इज्ज़त महक जाएगी उनकी गैरों के दरमियान"-