धूल साफ करते हैं लोग उभरने के लिए
गलतियाँ में भी करता हूँ रोज सुधरने के लिए-
खामियाँ तो, सभी निकालते हैं......! तुम, हमें हमारी
और हम, तुम्हें तुम्हारी, खासियत से,रुबरु कराएंगे।
गलतियां, जो हो जाए हमसे गर, उसे सुधार के,
यूं ही, जीस्त के मसाफ़त पे, आगे बढ़ते जाएंगे।।-
साथ तो यहां खुद की परछाईं भी नहीं रहती मैम..
बेहतर होगा हम गलतफहमियों का कोटा थोड़ा कम रखें..😉-
हुई हैं मुझसे कितनी ही गलतियाँ
सब गलतियों को सुधार के अपनी जिंदगी में खुशीयाँ भरनी है,
सावन की बारिश में भीग कर उन एहसासो को मिटाना हैं बारिश की बूँदों से अपने दिल से उन यादों को धोना हैं,
अपनी खुशी को भूल कर अब अपनो में खुशीयाँ ढ़ुढनी हैं मन भटका था जो कही उसे सही राह दिखलानी हैं,
दो पल की है ये जिंदगी अपने हर दर्द से इसे उबारनी हैं
अपने दिल के हर गमो को सिने में दफ़न कर जाना हैं ,
फिर से अपनी जिंदगी को फूलों सा महकना हैं
सब कुछ भूल के हमको आगे बढ़ जाना हैं ,
-Sunita Singh-
गलतियाँ भी होगी और गलत समझा भी जाएगा
यही जिंदगी हैं जनाव यहाँ तारीफ भी होगी और
कोसा भी जाएगा।
-
मेरी माँ कहा करती है...!!
सङक पर बैठे भिखारी को भीख देने का मन करे तो देना वरना मत देना...
पर सङक पर भी चल रही औरतों को इज़्ज़त जरूर देना...
बेटा सिर्फ वेश्यावृत्ति सोच वाले ही अपनी इज़्ज़त को दाव पर लगा
किसी अच्छे और चरित्रवान लोगो कि इज़्ज़त भरे बाजार उछालती है...
ऐसे सोच वाले लोगो से लड़ने के लिये कभी अपनी इज़्ज़त दाव पर मत लगाना,
सबके साथ बुरा व्यवहार मत करना पूरी दुनिया ऐसी नही होती है...
अक्सर बेटा नये पैसे और छोटी सोच वाले लोग ही
दूसरों को नीची नज़र से देखते हैं और हर बात पर औकात की बात करते हैं...
ऐसी बातों में आकर ऐसे कुत्ते बिल्लियों के सामने कभी अपनी औकात मत दिखाना...
साँपो का फन कुचलना तो तुझे बचपन से सिखाया है...
बात जहां आयेगी मर्दानगी कि तो वहां जम कर लड़ना
दिखा देना तु एक शेर का बच्चा है एक शेरनी ने तुझे दूध पिलाया है...
मन की दौलत ज्यादा हो तो लोग तुझे जाहिल गंवार मिलेंगे...
धन की दौलत ज्यादा हो तो तेरे दुश्मन हज़ार मिलेंगे...
बेटा बाहरी मुसीबत से तुम कभी हार ना जाना
जिनके परिवार बड़े होते हैं उन्हें ज्यादा परेशानियां होती है...
बेटा तेरे बुद्धि में बुद्ध बसे हैं, तु अपने प्रेम से जग सारा जीत जायेगा,
ऐसी मेरी माँ कहा करती है.!!-
अंजान है यह आँखें नींदों से, बेबसी आंसुओं की है
गलतियाँ दिल करे और भरपाई रातें कर रही है।-
कुछ तो मेरी भी बदतमिजिया रही होगी.....
कुछ तो मुझमे भी कमियां रही होगी
कुछ तो मेरी भी गलतियां रही होगी
ऐसे ही थोड़ी बदनाम करते मुझको दुनिया वाले....
कुछ खुरापाती हरकते तो तूने भी की होगी-
कि मुझे याद है गलतियाँ दोहराना....
कि मुझे पसंद थी तेरा उन्हें सुधारना....-