नाम अनेकों है तेरे,
नटवर-नागर, नटखट-नन्दलाल,
कृष्ण मुरारी, यशोदा नंदन,
अच्युत, केशव, गिरिधर, गोपाल!
दामोदर तू, चित्त चोर भी तू,
श्रीधर, माधव, और माखन चोर,
छवि तेरी अति मनभावन सी,
मुकुट शीश पर सोहे मोर!
ध्यान तेरा हो जाए तो
सुध दुनिया की खो जाती है,
जब स्मरण करू अंतर्मन में,
तो याद तेरी ही आती है!
क्या नाम कहूंँ इस रिश्ते का,
जो तुझ संग जोड़ा है मैंने?
इस रिश्ते की खातिर ही बस,
दुनिया को छोड़ा है मैंने!-
19 AUG 2022 AT 19:19
19 AUG 2022 AT 20:04
मुरली-मनोहर गोपाला,
जिसकी दीवानी हर बाला,
एक झलक ने ही जिसकी,
सबको दीवाना कर डाला!
तान मधुर मुरली की बाजे,
गोपियां मुग्ध हो, मोर भी नाचे,
ग्वाल-बाल सब सुध बुध खोए,
गायें भी सब उस ओर ही भागे!-
19 AUG 2022 AT 19:31
हर गोपी दीवानी है,
क्या राधा और क्या मीरा?
सबकी यहीं कहानी है!
छवि तेरी मनमोहक है,
एक झलक ही तेरी काफ़ी है,
तुझसे दूर होने का ख्याल ही,
आँखों में भरता पानी है!-