QUOTES ON #किस्सेजोबनगए_कहानी

#किस्सेजोबनगए_कहानी quotes

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28 MAY 2021 AT 15:17

• रात चाँद और तन्हाई

मैं आकाश में सजे
उस खुबसूरत गोले को देख रहीं हूं,
यदि मैं एक कवयित्री होती
तो अब तक इस मनोरम दृश्य के लिए
तीन-चार क़सीदे अवश्य ही पढ़ चुकी होती।

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3 JUN 2021 AT 17:09

• रोशनदान वाली वो धूप


इन बंद दीवारों में न जाने
रोशनदान की वो धूप
कहां खो गई थी,
कि रुककर कभी
सोचने की फुर्सत ही नहीं मिली।

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12 NOV 2020 AT 13:46

जायका

मुझे हमेशा से अपना काम स्वयं करना पसंद था, परंतु उम्र के इस पड़ाव पर न चाहते हुए भी काम की पकड़ कमजोर हो रही है| वैसे तो पूरी कोशिश रहती है की छोटे - मोटे काम तो अपने आप कर लूँ |  जैसे अपनी और इनकी कम शक्कर की मसालेदार चाय बनाना, शनिवार को धनिया- टमाटर की मेरी स्पेशल चटनी, "अनु स्पेशल", और रंग-बिरंगे बटुए , हाँ  अब वो पहले जैसी बात नहीं रही , पर शौक पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गया है|

// पूरी कहानी अनुशीर्षक में //

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20 AUG 2021 AT 18:48

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10 APR 2021 AT 18:01

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2 APR 2021 AT 16:41

~ आजी ~
// कहानी अनुशीर्षक में पढ़ें

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23 MAR 2022 AT 13:21

• सीमा पार •

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26 NOV 2021 AT 16:00

• अहसास •

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20 MAY 2020 AT 18:46

//पुराने घर की छत//


आज मन कुछ उलझा सा था|
दिन-भर की उधेड़बुन में स्वयं से मिलने की तो फुरसत ही नहीं रहती| ...




/अनुशीर्षक/

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4 JUL 2019 AT 15:48

कहानी- सांझ

"कि अब न रही वो बातें,
बस बचीं हुई हैं  कुछ मुट्ठी भर यादें...."

"वाह , मजा आ गया!" तालियों की गड़गड़ाहट से पार्क का वो कोना बोल उठा|

(अनुशीर्षक में पढ़ें)

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