QUOTES ON #कांग्रेस

#कांग्रेस quotes

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28 JUL 2019 AT 16:51

प्रेम में विफल युवक
हो जाता है
'आम आदमी पार्टी' सा
प्रतीत होता है
जिसे देखकर
कि अब बदल
जायेगा सब कुछ
हमेशा के लिए
और वो स्वयं भी...

प्रेम में विफल युवती
हो जाती है
'कांग्रेस' सी
कुछ ज्यादा ही
वक्त लगता है
जिसे स्वयं को,
समय की
आवश्यकता के
अनुसार बदलने में....

और फिर हैरान,
परेशान से दोनों
लग जाते हैं
करने इंतज़ार....
.....................
अपने अपने जीवन में
"अच्छे दिनों" के आने का...!!!

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12 SEP 2019 AT 17:48

हा हा कार मचा हर ओर,
वो ठहाके लगाता चारों ओर,,

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26 APR 2019 AT 22:07

उसके हाथ में कांग्रेस का झंडा था। मेरे हाथ में भाजपा का।
मैं समझ चुका था कि उसे फूल दूँगा तो बदले में क्या मिलेगा।
मेरे इश्क़ की जमानत जब्त हो गयी।

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15 JUL 2020 AT 13:47

ना पूछिये के मौसम-ए-गुल कब कैसे गुज़र गया
उस बूढ़े शज़र से फिर कोई 'जवां' पत्ता झर गया

ना हवाओं का जुर्म था ना फ़िज़ाओं की थी ख़ता
अहल-ए-चमन ही खुद अपनी रज़ा से मुकर गया

मंज़र ए बागां, दीदा-ए-अहल-ए-नज़र से देखिए
रिंदों की ला-परवाही से, मयखाना उजड़ गया

क्यों शिकवा हो किसी से शिकायत हो क्यों अगर
वो कारवां-ए-रहगुज़र, जो तेरे दर से गुज़र गया

है हाथ का जो 'निशाँ' तो फिर छूटा है हाथ क्यों
लो खुदगर्ज़ीयों से ख़्वाब-ए-हुकूमत बिखर गया

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21 DEC 2017 AT 19:22

छला छल से कवच कुंडल, देवराज ने क्या वार किया,
छीना कर्ण से बाहु बल,”अमोघ” से क्या उपकार किया

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20 JAN 2022 AT 22:58

बलदेव सिंह, जॉन मथाई, सी राजगोपालाचारी, जवाहरलाल नेहरू, लियाक़त अली ख़ान, बल्लभभाई पटेल, इब्राहीम इस्माइल, आसफ़ अली, सी एच भाभा
(बायें से दायें, अग्रिम पंक्ति में)
जगजीवन राम, ग़ज़नफ़र अली ख़ान, राजेंद्र प्रसाद, अब्द अल नष्तर
(बायें से दायें, पिछली पंक्ति में)

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20 JAN 2022 AT 16:53

शरतचंद्र बसु, जगजीवन राम, राजेंद्र प्रसाद, वल्लभभाई पटेल, आसफ़ अली, जवाहरलाल नेहरू, अली ज़हीर
(बायें से दायें का क्रम)

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13 SEP 2020 AT 10:56

राजनीति में रुचि नहीं है मगर मैं BJP को सपोर्ट करने लगा हूं। कोंग्रेस के गरीब, बेरोजगार जहाँ के तहां है, दलित को दलित ही रख उन्हें महसूस कराते गये कि वह दलित है अल्पसंख्यक आजादी से आज तक अल्पसंख्यक ही है और विशिष्ट स्थान बनाये हुए है पिछड़े अभी भी अगडे नही बन पाये और सामान्य असामान्य होते गये, जबकि भाजपा संविधान और बहुमत का सम्मान करते हुए अपने घोषणापत्र पर कार्य करने में लगी है और उन्हें पूरे कर भी रही है चाहे जितना कठिन निर्णय लेना हो। दोनों पार्टियों में यही अंतर है कोंग्रेस पार्टी का मकसद राज करना है और राज ही करती आ रही थी जबकि भाजपा दूरगामी दृष्टिकोण रख राजकाज चलाती है चाहे राज रहे न रहे।

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13 AUG 2020 AT 15:39

लगेगी आग तो आएंगे कांग्रेसी,दलित और भीमटे भी जद में,

शांतिदूतों के लिए सिर्फ भाजपा, RSS और हिन्दू ही काफिर थोड़ी है।

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कोप-भवन में पड़े कुंवर जी
रात बड़ी ही भारी।
कौन चढ़ेगा बलिवेदी पर
सोच रहे दरबारी।।

😁राजनीति का राहुकाल😁

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