मुझे पता है मेरी कड़वी बातें तुम्हें खो देंगी, मगर क्या करें झुठ बोलना हमारी आदत नहीं! ये प्यार का नशा तो हम भी कर सकते हैं -2 मगर क्या करें नशा करना हमारा शौक नहीं!!
बंदिशे दोहरे ज़माने की... कुंठित विचारधारा जहाँ सर्वोपरि,,, मोल न होते वहाँ अस्तित्व की... न कर ख़ामोश मुझे ऐ ज़माने.... अब कोई बलिदानी नहीं अधिकार की... बात हैँ आज मेरे आत्मसम्मान की ❣️❣️❣️
Aadat si ho gayi hai har pal kuch sahne ki Aadat si ho gayi hai khud se jhooth bolne ki Aadat si ho gayi hai yuunhin muskurane ki Aadat si ho gayi hai har din zindagi se ladne ki Aadat ban gayi hai ab aise zindagi jeene ki